भास्कर खास: नोटबंदी, चुनावी प्रबंधन की तर्ज पर देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना का रोडमैप तैयार - News Summed Up

भास्कर खास: नोटबंदी, चुनावी प्रबंधन की तर्ज पर देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना का रोडमैप तैयार


Hindi NewsLocalDelhi ncrRoadmap Of Air Force Ready To Deliver Vaccine To Every Corner Of The Country On The Lines Of Demonetisation, Electoral ManagementAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपभास्कर खास: नोटबंदी, चुनावी प्रबंधन की तर्ज पर देश के कोने-कोने में वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना का रोडमैप तैयारनई दिल्ली 4 घंटे पहलेकॉपी लिंकफाइल फोटोदेशभर में 28 हजार कोल्ड चेन सेंटरों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए वायुसेना ने कमर कसी(मुकेश कौशिक) देश के कोने-कोने में कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के संभावित दायित्व को पूरा करने के लिए वायुसेना तैयार है। दूरदराज और दुर्गम इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने का जिम्मा सेना पर ही आने वाला है। वायुसेना मुख्यालय ने अपने इस आकलन के हिसाब से खुद को तैयार रखने के मकसद से वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन के राष्ट्रव्यापी अभियान की रूपरेखा तैयार कर ली है।सरकार का आदेश मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन की एयरलिफ्टिंग के लिए परिवहन विमानों को ढालने के तौर तरीकों, वैक्सीन वितरण के केंद्रों और ‘लास्ट प्वाइंट डिलीवरी’ के लिए हेलीकॉप्टरों के प्रकार और संख्या का निर्धारण कर लिया गया है।वैक्सीन के 28 हजार कोल्ड चेन सेंटरों तक अधिक भार ले जाने में सक्षम कार्गो विमान जैसे सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-136जे सुपर हर्रक्यूलिस और आईएल-76 तैनात होंगे, जबकि छोटे केंद्रों के लिए वर्कहोर्स एएन-32 और डोर्नियर विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा। तीसरी कड़ी के तौर पर हल्के और मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को सुरक्षित रखा जाएगा। इनमें एएलएच, शिनूक, चीता और चेतक जैसे हेलीकॉप्टरों की भूमिका रहेगी।वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भास्कर से कहा कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि इस मिशन में कितने कार्गो विमान और हेलीकॉप्टर लगेंगे क्योंकि वैक्सीन वितरण की टास्कफोर्स बनने के बाद ही जरूरतें तय होंगी। लेकिन अभी वायुसेना 100 से अधिक विमानों और हेलीकॉप्टरों को इस मिशन के लिए आरक्षित करने की योजना पर काम कर रही है।अधिकारी ने कहा कि वायुसेना को वैक्सीन ट्रांसपोर्टेशन का पर्याप्त अनुभव है। दो साल पहले ही मीजल्स और रुबेला के टीकों को लोगों तक पहुंचाने में वायुसेना ने अहम भूमिका निभायी थी। यह काम युद्ध स्तर के अलावा ठीक उसी तरह किया जाएगा जिस तरह नोटबंदी के समय वायुसेना ने बैंकों तक करंसी पहुंचाई थी या आम चुनाव के समय जिस तरह दुर्गम इलाकों में ईवीएम और कर्मियों को पहुंचाने का मिशन चलाया जाता है।राहत कार्यों पर नजदीकी नजर रखने वाले वायु सेना के पूर्व अधिकारी ग्रुप कैप्टन संदीप मेहता ने बताया कि टास्कफोर्स में अमूमन संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों और सहायता करने वाले बल के प्रतिनिधियों को रखा जाता है।इस मामले में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और वायु सेना के प्रतिनिधियों की टास्कफोर्स बनेगी जो 24 घंटे इस बात पर नजर रखेगी कि समय पर टीके विमान तल तक पहुंचंे, उन्हें विमान में लोड करने वाले कुशलकर्मी पर्याप्त संख्या में मौजूद रहें और कोल्ड चेन में डिलीवरी लेने वाले कुशलकर्मी टीकों की पेटियों को सुरक्षित उतार सकें।टीकों के फार्मास्यूटिकल्स कंपनी से ड्राई आइस बॉक्स में पैक होकर मिलेंगे लेकिन इनका आकार और हैंडलिंग संबंधी आवश्यकताएं वायु सेना के स्तर पर तय होंगी।लद्दाख की सैन्य रणनीति पर असर न पड़े, इसका ध्यान रखा जा रहाअधिकारी ने कहा कि वायुसेना ने यह रणनीति तैयार करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि लद्दाख में चल रही सैन्य स्थिति का आपूर्ति पर रत्तीभर असर न हो। सैन्य और वैक्सीन दोनों ही मिशनों को एक समान महत्व देने और उसी हिसाब से संसाधन लगाने का रोडमैप बनाया जा रहा है।


Source: Dainik Bhaskar December 05, 2020 23:37 UTC



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