नई दिल्ली, प्रेट्र। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में फ्रेंचाइजी मालिकों द्वारा दिए जाने वाले मुफ्त या कंप्लीमेंट्री टिकट भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आएंगे। यह फैसला केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन पर अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) की पंजाब खंडपीठ ने सुनाया है। बता दें कि इस कंपनी का आइपीएल की क्रिकेट टीम किंग्स इलेवन पंजाब पर मालिकाना हक है। फिलहाल आइपीएल की टिकट बिक्री पर 18 फीसद जीएसटी लिया जाता है।एएआर ने अपने फैसले में साफ कहा है कि मुफ्त दिए जाने वाले कंप्लीमेंट्री टिकटों को सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा और इस पर टैक्स लगेगा। हालांकि एएआर ने इस संबंध में केपीएच ड्रीम क्रिकेट को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) यानी उत्पादन में प्रयुक्त सामग्री पर पहले भरे जा चुके टैक्स का लाभ का दावा करने की छूट प्रदान की है।प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि यह दावा ऐसे टिकटों से संबंधित सामग्री और सेवा तक ही सीमित होगा, जिसमें आवेदक किसी व्यक्ति को मुफ्त टिकट जारी करता है और टिकट पाने वाले को कोई शुल्क नहीं देना पड़ रहा है। जबकि कंप्लीमेंट्री या मुफ्त टिकट नहीं पाने वालों को इसके लिए टैक्स देना पड़ रहा है।आदेश पर टिप्पणी करते हुए अंतरराष्ट्रीय ख्यात प्राप्त ऑडिटर कंपनी अर्नस्ट एंड यंग के कर सहयोगी अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी कानून के तहत असंबद्ध पक्षों को सेवाओं की मुफ्त आपूर्ति को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा गया है। यह फैसला इस तरह के लेनदेन पर उद्योग द्वारा अपनाई गई जीएसटी की नीति के खिलाफ है।क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंPosted By: Sanjay Savern
Source: Dainik Jagran October 14, 2018 15:14 UTC