उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के किसानों के लिए राहत की खबर सामने आ रही है. अब इस जिले के किसानों को खाद बीज के लिए समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. सहकारिता विभाग किसानों की डिजिटल पासबुक बना रहा है. आइए यहां जानिए इससे क्या होगे लाभ।बलिया, उत्तर प्रदेश किसानों को खाद और बीज के लिए अब ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। साधन सहकारी समितियां पर खाद और बीज लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड और खतौनी भी ले जाने की जरूरत नहीं होगी सहकारिता विभाग के तरफ से सदस्यता ग्रहण करने वाले किसान का पासबुक बनाया जा रहा है। इसमें किसानों की भूमिका विवरण ऑनलाइन होगा और एक क्लिक में सब जानकारी मिल जाएगी।किसान ने सीजन में कितनी बोरी खाद का उत्थान किया है यह भी पता चल जाएगा। शासन स्तर से उसी हिसाब से समितियां पर खादों का आवंटन भी होगा। इसके साथ ही पासबुक के माध्यम से सरकार की कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। जिले में 162 समितियां हैं फलिहाल 132 समितियां का संचालन किया जा रहा है। शासन के तरफ से 30000 किसानों की सदस्यता ग्रहण करने का लक्ष्य रखा गया है।। अभी तक सहकारिता विभाग के तरफ से 22000 किसने की सदस्य बनाया जा चुका है।इसमें उनकी कृषि भूमि के रकबे समेत अन्य पूरी जानकारी होगी।, जिसके माध्यम से किसानों को सुविधा प्रदान की जाएगी। अब पुराने सदस्यता ग्रहण करने वाले किसान को भी इसका लाभ मिलेगा। एआर,एलबी मल मैं बताया कि सरकार की तरफ से समितियां पर किसानों को सदस्य बनाने का कार्य चल रहा है। जिले में लगभग 50000 से अधिक किसानों को खाद वह बीज का लाभ समितियां पर लाभ मिलता है।30000 के सापेक्ष अभी तक 22000 किसानों ने ली है सदस्यता90 समितियां पर क्यूआर कोड से अब होगा भुगतान।साधन सहकारी समितियां भी ऑनलाइन होने लगी है। समय के साथ समितियां को भी आधुनिक बनाया जा रहा है। जन सेवा केंद्र के संचालन के साथ हीअब क्यूआर कोड से भुगतान भी किसान कर सकते हैं। ऐसे में अब खाद बीज लेने के बाद नगद भुगतान से मुक्ति मिल जाएगी।एआर ने बताया कि किसानों को अब नगद भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। वे क्यूआर कोड से भुगतान कर सकते हैं। 90 समितियां पर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।लेखक - रबीन्द्र नाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश।
Source: Dainik Jagran December 29, 2025 06:40 UTC