पौधे के पूरी तरह सूखने और उखड़ जाने के बाद, उस दरार को खुला न छोड़ें। अगर दरार खाली रह गई तो बारिश का पानी और धूल फिर से पीपल का नया बीज पनपने में मदद करेंगे। पौधे को हटाने के बाद उस जगह को साफ करें और सीमेंट या पुट्टी से अच्छी तरह भर दें। इससे दीवार की मजबूती भी बनी रहेगी और दोबारा कोई पौधा नहीं उगेगा। डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे यूट्यूब वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।दीवार के अंदर गहराई तक गई जड़ों को खत्म करने के लिए हींग और फिटकरी का पेस्ट रामबाण उपाय माना जाता है। हींग में मौजूद तत्व पौधों के विकास को रोक देते हैं। फिटकरी के पाउडर में थोड़ी सी असली हींग मिलाएं और थोड़ा पानी डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पौधे के छीले हुए हिस्से और जड़ों के पास अच्छी तरह लगा दें। पेस्ट जड़ों के अंदर तक रिसता है और उन्हें अंदर ही अंदर गला देता है, जिससे दीवार को नुकसान पहुंचाए बिना पौधा पूरी तरह मर जाता है।अगर पौधा काफी समय से लगा है और उसकी जड़ें मोटी हो गई हैं, तो केवल ऊपर से घोल डालना काफी नहीं होगा। सबसे पहले सावधानी से पौधे की ऊपरी टहनियों और तने की छाल को छीलकर हटा दें। छाल हटाने से पौधे की जड़ों तक दवा का पहुंचना आसान हो जाता है। अगर मुमकिन हो तो चाकू या पेचकस की मदद से जड़ों को थोड़ा ढीला कर लें ताकि दीवार की पकड़ छोड़ दें।अग्रि राठौड़ के अनुसार, फिटकरी पीपल के पौधे को सुखाने के लिए सबसे कारगर हथियार है। फिटकरी के एक बड़े टुकड़े को पीसकर पानी में मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें। इस घोल को पौधे की जड़ के ऊपर और उसके आस-पास की दरारों में डाल दें। फिटकरी एसिडिक होती है जो पौधे के पोषण तंत्र को ब्लॉक कर देता है। इस उपाय को करने के मात्र 24 से 48 घंटों के भीतर आप देखेंगे कि पौधा सूखना शुरू हो गया है। पीपल का पौधा बहुत जिद्दी होता है, लेकिन जिंदा रहने के लिए नमी की जरूरत होती है। अगर पौधा छोटा है, तो सबसे पहले सुनिश्चित करें कि उस जगह पर पानी बिल्कुल न पहुंचे। अक्सर बालकनी की पाइपलाइन या दीवार की सीलन से इन्हें पानी मिलता रहता है। जब पौधे को नमी मिलना बंद हो जाएगी, तो धीरे-धीरे सूखने लगेगा। सूखने के बाद हाथ से उखाड़ना बहुत आसान हो जाता है और जड़ें दोबारा नहीं पनपतीं।
Source: Navbharat Times December 27, 2025 20:49 UTC