Hindi NewsLocalRajasthanBarmerJaisalmerBaba's Gyaras Today, Read Live Reporting Of Trust President And Sarpanch In Bhaskarजय...रामसापीर! : बाबा की ग्यारस आज, ट्रस्ट अध्यक्ष व सरपंच की लाइव रिपोर्टिंग पढ़िए भास्कर मेंजैसलमेर 2 दिन पहलेकॉपी लिंकमंदिर बंद, गेट पर ही मन्नतें मांग लौट रहे श्रद्धालु, 100 करोड़ का कारोबार प्रभावितलोक देवता बाबा रामदेव की समाधि के दर्शनों के लिए हर साल देशभर से लाखों श्रद्धालु रामदेवरा आते हैं, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं के कदम थम गए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेला स्थगित करने के साथ मंदिर के पट बंद है। मंदिर के इतिहास में पहली बार मेले के दौरान सन्नाटा पसरा है।मंदिर बंद होने से श्रद्धालु मुख्य गेट पर प्रसाद चढ़ाकर व मन्नते मांग रहे हैं। वहीं बाबा की आस्था के केंद्र रामसरोवर तालाब, परचा बावड़ी सूनी है। रोजाना गिने-चुने भक्त ही दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं। हालांकि बाबा की मेहरबानी से कस्बे में अब तक एक भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। बावजूद इसके ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में संक्रमण की रोकथाम को पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं।कोरोना महामारी में भी बाबा के प्रति गहरी आस्था के कारण भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं। हाल ही में सरकार ने 7 सितंबर से मंदिर खोलने का निर्णय लिया है। इससे श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है। जल्द ही मंदिर खुलने के साथ समाधि के दर्शन होंगे। ट्रस्ट ने तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ कोरोना की गाइडलाइन की पालना की जाएगी।बाबा की आस्था में भादवा में लगने वाले भादवा मेले का आयोजन प्रतिवर्ष रामदेवरा ग्राम पंचायत के द्वारा ही किया जाता है,लेकिन इस साल मेले का आयोजन नहीं होने से रामदेवरा के स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों में भी मायूसी छाई हुई है। भादवा मेले का आयोजन मंदिर के इतिहास में पहली बार नहीं हो पाया है। इस बात की निराशा है।अभी भादवा मेले का आयोजन नहीं होने के कारण इक्का दुक्का श्रद्धालु रामदेवरा आ रहे हैं। कोई पैदल यात्रा करके कोई बाइक पर तो कोई अपने निजी वाहनों से रामदेवरा पहुंच रहे हैं। समाधि परिसर बंद होने पर श्रद्धालु बाहर से ही मन्नतें मांगकर रवाना हो रहे हैं।रामदेवरा में हजारों व्यापारियों को नुकसान हुआ है ,लेकिन अब समाधि परिसर के खुलने की उम्मीद पर फिर से रामदेवरा में रौनक देखने को मिलेगी। ग्राम पंचायत की दुकानों से आने वाले किराये से विकास कार्य करवाये जाते हैं लेकिन अब छह माह से मंदिर बंद होने से धंधा ठप पड़ा है। व्यापारियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। साथ ही पंचायत की आय भी घटी है। अब मंदिर खुलने से कारोबार फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी है।इतिहास: बीकानेर के महाराज गंगासिंह ने बनवाया था बाबा का मंदिररामदेवरा में स्थित रामदेवजी के वर्तमान मंदिर का निर्माण सन् 1939 में बीकानेर के महाराजा गंगासिंह जी ने करवाया था । इस पर उस समय 57 हजार रुपये की लागत आई थी । इस विशाल मंदिर की ऐतिहासिकता, पवित्रता और भव्यता देखते ही बनती है। देश में ऐसे अनूठे मंदिर कम ही हैं जो हिन्दू मुसलमान दोनों की आस्था के केन्द्र बिंदु हैं ।काराेबार: हर साल भादवा मेले से 100 करोड़ का होता है टर्न ओवररामदेवरा मेले के दौरान करीब 100 करोड़ का कारोबार होता है। रामदेवरा कस्बे में 200 स्थाई और 800 अस्थाई दुकानें संचालित होती है। 300 धर्मशालाएं है। मेले में 50 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। कोरोना काल में छह माह से बाजार बंद होने से कारोबार ठप पड़ा है। स्थानीय हजारों लोग बेरोजगारी का दंश भोग रहे हैं।636 साल के इतिहास में पहली बार मंदिर के पट बंदलोक देवता बाबा रामदेव मंदिर रामदेवरा के इतिहास में 636 साल में पहली बार मंदिर के पट खुले न श्रद्धालु पहुंचे। हर साल इन दिनों रामदेवरा में लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ पहुंचते हैं। एक माह तक होटल, धर्मशालाएं हाउसफुल रहने के साथ कस्बे में पैर रखने को जगह नहीं होती है। इस बार कोरोना महामारी की वजह से मेला स्थगित कर दिया। बीते कई दिनों से गिने-चुने भक्त ही रामदेवरा पहुंच रहे हैं। मंदिर के गेट पर प्रसाद चढ़ाकर रवाना हो रहे हैं।हर साल पहुंचते हैं 50 लाख श्रद्धालु रामदेवरामेले में 50 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस बार अब तक आंकड़ा सैकड़ों में सिमटा है। शुक्रवार को भादो की दशम पर भी मंदिर परिसर सूना रहा। सुबह से शाम तक पुलिस पहरे में गेट के बाहर से श्रद्धालु मन्नते मांगते नजर आए। शनिवार को बाबा की ग्यारस है, लेकिन मंदिर बंद रहने से सन्नाटा पसरा है। दुकानें खुली है, लेकिन कोरोनाकाल की वजह से ग्राहकी मंदी है। मेला स्थगित होने के बाद मंदिर व कस्बे में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। बाहर से आने वाले भक्तों को गेट पर ही दर्शन कर रवाना किया जा रहा है।
Source: Dainik Bhaskar August 29, 2020 02:46 UTC