अमेरिका के हवाई प्रांत की सर्वोच्च अदालत के जस्टिस माइकल डी विल्सन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंगा के प्रति गहरी आस्था है। उन्हें यकीन है कि प्राचीन भारतीय पद्धति में गंगा को साफ करने का कोई न कोई उपाय जरूर होगा। उनका कहना है कि नदियों की परवाह करने के मामले में मोदी बेहद संजीदा व्यक्ति हैं। विल्सन ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को बेहतरीन सामुदायिक प्रोजेक्ट बताया।जस्टिस विल्सन ने कहा कि अगर कोई गंगा में जाता है तो वह केवल नहाने के लिए ही नहीं जाता। गंगा एक प्रेरणा है। उनका कहना है कि बेशक गंगा का पानी जहरीला हो चुका है, लेकिन तमाम खामियों के बावजूद भी इसका महत्व बरकरार है।उनका कहना है कि भारतीय संस्कृति निरंतरता में विश्वास रखती है। पिछले 2000 साल से इस देश के लोगों ने दिखाया है कि संस्कृति ही उनकी शक्ति है। विल्सन को विश्वास है कि ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में भारतीय लोग पूरी तरह से सक्षम हैं।विल्सन का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तुलना में नदियों के प्रति मोदी ज्यादा प्रतिबद्ध हैं। उन्हें नदियों की चिंता है। उनका कहना है कि मोदी और ट्रम्प के बीच यह सबसे बड़ा अंतर है। इस तरह की वचनबद्धता उन्हें अमेरिका की कार्यपालिका में नहीं दिखाई देती।हालांकि, जस्टिस विल्सन वायु प्रदूषण को बड़ी समस्या नहीं मानते। उनका कहना है कि हमें पता है कि यह प्रदूषण कहां से आ रहा है। जरूरत केवल एक कड़ा कानून बनाने की है। इसमें वाहनों पर नियंत्रण के लिए काम करना होगा।उनका कहना है कि सबसे बड़ी समस्या कोयले से पैदा होने वाला प्रदूषण है। इसके साथ ही कृषि अवशेषों के जलने से भी हवा दूषित हो रही है। उनका कहना है कि भारत की ताकत उसकी युवा शक्ति है।
Source: Dainik Bhaskar April 09, 2019 11:46 UTC