Dainik Bhaskar Dec 21, 2018, 10:06 PM ISTनई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा ने शुक्रवार को एक रेजोल्यूशन पास किया। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने की मांग की गई है। इसकी वजह 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को वजह बताया गया है। सदन में रेजोल्यूशन को आप विधायक जरनैल सिंह ने पेश किया था जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया।प्रस्ताव में कहा गया कि दिल्ली सरकार को गृह मंत्रालय को कड़े शब्दों में लिखकर देना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास के भयंकर जनसंहार के पीड़ितों के परिवार और उनके करीबी न्याय से वंचित हैं।सदन ने अरविंद केजरीवाल सरकार को निर्देश दिए कि वह गृह मंत्रालय से कहे कि भारत के घरेलू आपराधिक कानूनों में मानवता विरोधी अपराध और जनसंहार को शामिल करने के लिए सभी महत्वपूर्ण और जरूरी कदम उठाए जाएं। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।इस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा- "राजीव गांधी ने देश के लिए अपनी जान दी। आप का असली चेहरा सामने आ गया है। मैंने हमेशा माना है कि आप भाजपा की बी टीम है। आप ने गोवा, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ में अपने उम्मीदवार उतारे ताकि भाजपा की मदद हो सके और कांग्रेस का वोट कटे।''हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने भी 17 दिसंबर को ट्वीट किया था- राजीव गांधी के सभी अलंकार वापिस ले लिए जाने चाहिए और उनके नाम से चल रही सभी योजनाओं तथा प्रकल्पों से राजीव गांधी का नाम मिटा देना चाहिए। जब तक उन सबको सजा न मिले जो इसमें शामिल थे या जिन्होंने इस नरसंहार का समर्थन किया चाहे फिर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हों जिन्होंने इस नरसंहार का यह कहकर समर्थन किया हो कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है, उन्हें भी मरणोपरांत सजा दी जानी चाहिए।
Source: Dainik Bhaskar December 21, 2018 15:48 UTC