मदन शर्मा, जहानाबाद : शहादत तो मेरी किस्मत है। वे भारत माता के वीर सपूत थे। मेरे लिए सिर्फ पति लेकिन संतान देश के थे। बेटा को सैन्य अफसर बनाउंगी। लवकुश शर्मा को बेटा जब वर्दी में सैल्यूट करेगा वही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सरहद की हिफाजत में देश के दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए लवकुश शर्मा के घर में बैठी वीर नारी अनिता देवी कुछ इसी अंदाज में पति की यादें और देशभक्ति का जज्बा प्रकट की। जहानाबाद से करीब 20 किलोमीटर दूर रतनी फरीदपुर प्रखंड के अइरा गांव निवासी लवकुश शर्मा कश्मीर के बारामुला में देश के दुश्मनों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हो गए। वीर नारी अनिता देवी के लिए अब उनकी यादें ही शेष रह गई है। इसी के सहारे उसे आगे बढ़ना है। शहीद को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के पूर्व इस वीर नारी ने सैन्य परंपरा के अनुसार घर की देहरी लांघकर पार्थिव शरीर को सैल्यूट के साथ भारत माता की जयघोष की थी तब हर लोगों की आंखों से आंसू की धार निकल पड़ी। पति को सैल्यूट कर उन्हें अंतिम विदाई दी। वीर नारी द्वारा किया गया जयघोष देशभक्ति के लिए प्रेरित कर दिया। पति को खोकर भी देशभक्ति के जज्बे को जिदा रखने वाली वीर नारी के मायका और गांव में मातम का माहौल कायम है।भारत माता की रक्षा में अपनी सिंदूर कुर्बान करने वाली अनिता के गांव और मायका में सुहागिनों के लिए निर्जला तीज व्रत का रंग फीका था। गांव की महिलाएं भारी मन से उपवास तो रखा लेकिन कोई उत्साह का भाव नहीं था। तीज का व्रत इस वीर नारी को जिदगी भर के लिए जख्म दे गया। राज्य सरकार द्वारा उसके पैतृक गांव के विद्यालय का नामकरण शहीद लवकुश के नाम पर कर दिया गया है। इससे उसकी शहादत हमेशा के लिए जिदा रहेगी। अपने बेटे सूरज तथा बेटी अनन्या को गोद में लिए अनिता कहती हैं कि उसे अपने पति को खोने का गम तो है लेकिन वे तो देशभक्त थे। मेरे पति से कहीं ज्यादा वे एक देशभक्त संतान थे। लवकुश का 'सूरज' एक दिन बड़ा होकर सैन्य अफसर बनेगा। उसे भी सेना में भेजने से गुरेज नहीं करेगी। सेना में भर्ती होने के पहले लवकुश की शादी जहानाबाद प्रखंड के चैनपुरा निवासी राजेंद्र सिंह की बेटी अनिता के साथ हुई थी। अनिता स्थानीय स्कूल में पढ़ी है। राज्य सरकार द्वारा शहीद के एक परिजन को नौकरी देने की घोषणा भी की गई है।यहां बता दें कि 17 अगस्त को वीर जवान लवकुश शहीद हुए थे। मंगलवार की देर रात उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था। हर तरफ रूंदन क्रंदन मचा था। अब वीर नारी के साथ बच्चों के लिए पिता का दायित्व भी निभाना होगा। देश के प्रति अपने जिम्मेदारी का भी निर्वहन करती रहूंगी।Posted By: Jagranडाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस
Source: Dainik Jagran August 22, 2020 16:41 UTC