फिराक बेहद नरमद‍िल इंसान थे, आपने उनका ये क‍िस्‍सा सुना है - News Summed Up

फिराक बेहद नरमद‍िल इंसान थे, आपने उनका ये क‍िस्‍सा सुना है


मशहूर शायर और शिक्षाविद रघुपति सहाय ‘फिराक’ अपने गुस्से के लिए मशहूर थे। एक बार वे इलाहाबाद कॉफी हाउस में हिंदी- उर्दू पर बहस कर रहे थे, तभी एक श्रीवास्तव जी भड़क गए। उन्होंने फ़िराक़ को मारने के लिए जूता निकाल लिया। फिराक भी कम तो थे नहीं, सो जवाब में उन्होंने श्रीवास्तव जी को वो- वो सुनाई कि उनके कान सुन्न हो गए।लोगों ने बीच बचाव किया। अगले दिन श्रीवास्तव जी फिराक के घर के सामने दिखे। यह देख फिराक के करीबी बांह चढ़ाने लगे। यह देख फिराक बोले,’ बहुत खैरख्वाह मत बनिए। जाइए उनको सम्मान के साथ अंदर लेकर आइए।’ श्रीवास्तवजी आए तो फिराक से कहने लगे कि मेरे लड़के बेरोजगार हैं।बाबू की एक नौकरी निकली है आप अगर अधिकारी से कह दें, तो नौकरी मिल जाएगी। फिराक ने कहा, ‘कल सुबह ठीक सात बजे आना, दो रिक्शे लाना, जो आपस में सटे रहें। एक भी मिनट देर हुई, तो मैं बिस्तर से नहीं उठूंगा । अगली सुबह दो सटे रिक्शे लेकर आ गए। फिराक लुंगी पहनकर ही निकल लिए। अधिकारी के यहां पहुंचे शोर मचाया कि भई शशिकांत वर्मा है क्या? वर्मा जी ने आवाज सुनी तो भागे – भागे आए और बोले,’ हुजूर आपने क्यों तकलीफ की? फिराक बोले, ये मेरे करीबी श्रीवास्तव जी हैं। इनके बेटे ने आपके यहां अप्लाई किया है। इनको शाम तक नौकरी दे दी जाए और हमें बताएं कि नौकरी मिल गई। आते वक्त कुछ लेते भी आइएगा। नौकरी देकर वर्मा जी शाम को फिराक के यहां कुछ लेते हुए आए। थोड़ी देर बाद श्रीवास्तव जी भी मिठाई और बोतल लेकर फिराक के यहां आए फिराक बोले, ‘बोतल वापस कर पैसे खुद रख लीजिए । मैं शराबी हूं मिठाई नहीं खाता। मिठाई अपने घर में बांटिए।” इलाहाबाद में आज भी लोग फिराक के नरम दिल की ऐसी ही कई कहानियां कहते हैं ।संकलन – शारिक अहमद खान


Source: Navbharat Times August 19, 2020 13:30 UTC



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