हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के दो वैरिएंट्स जब किसी व्यक्ति को कवरेज देने की बात की आती है, तो स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आमतौर पर दो वैरिएंट्स में उपलब्ध होते हैं। पहला व्यक्तिगत हेल्थ पॉलिसी और दूसरा, फेमिली फ्लोटर हेल्थ पॉलिसी। जैसा कि नाम से पता लगता है, व्यक्तिगत पॉलिसी के अंतर्गत केवल एक व्यक्ति को ही कवरेज प्रदान की जाती है जबकि फेमिली फ्लोटर में एक ही पॉलिसी के अंतर्गत पूरे परिवार को ही कवरेज प्रदान की जाती है। सभी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए प्रीमियम का निर्धारण बीमित व्यक्ति की आयु और चिकित्सा दशा (या फेमिली फ्लोटर के मामले में परिवार के सबसे बड़े सदस्य की आयु और चिकित्सा दशा) के अनुसार तय किया जाता है। यह पॉलिसी उस समय सस्ती साबित होती है, जब इनकी शुरूआत युवावस्था में की जाती है। लेकिन, परिवार के समस्त सदस्यों के लिए अलग-अलग पॉलिसी के कुल मिलाकर प्रीमियम की तुलना में फेमिली फ्लोटर प्लान के प्रीमियम की लागत कम हो सकती है।फेमिली फ्लोटर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी मे किस-किस को कवर किया जाता है? फेमिली फ्लोटर स्वास्थ्य बीमा प्लान में आमतौर पर पति, पत्नी, और 23 से 25 वर्ष तक की आयु के आश्रित बच्चों या जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती (जो भी पहले हो), को कवर किया जाता है। कुछ बीमाकर्ता परिवार के अन्य सदस्यों जैसे माता, पिता, बहू, ससुर, सास, दादा, दादी, पोता / पोती आदि को भी कवरेज प्रदान करते हैं। फेमिली फ्लोटर प्लान की कुल बीमा राशि को पॉलिसी के सभी पात्र सदस्यों द्वारा शेयर किया जाता है।परिवार में सीनियर सिटीजन तो क्या करें यदि आपके परिवार में सीनियर सिटीजन हैं, तो संभव है कि आप उन्हें फेमिली फ्लोटर प्लान में शामिल करने की बजाए उनके लिए अलग से पॉलिसी खरीदना चाहें। आमतौर पर सीनियर सिटीजन को अस्पताल में भर्ती करने का अधिक जोखिम होता है। इसलिए, उनकी चिकित्सा ज़रूरतों के मुताबिक उनके लिए अलग से कवरेज होना बेहतर होगा। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की गणना पॉलिसी में सबसे बड़ी उम्र के व्यक्ति के अनुसार की जाती है, इसलिए, फेमिली फ्लोटर पॉलिसी तब मंहगी साबित हो सकती है जब आप उच्च आयु ब्रैकेट में आने वाले व्यक्तियों को शामिल करते हैं। इसकी बजाए, आप सीनियर सिटीजन/परिवार के बड़ी आयु के सदस्यों के लिए अलग से स्वास्थ्य पॉलिसी को खरीद सकते हैं और फेमिली फ्लोटर पॉलिसी (जिसकी प्रीमियम लागत कम होगी) को पात्र युवा सदस्यों के लिए खरीद सकते हैं। ताकि, एक वर्ष में एक से अधिक क्लेम के मामले में परिवार के सभी सदस्यों को पर्याप्त कवरेज मिल सके।आपको कितने स्वास्थ्य कवर की ज़रूरत होगी? मेडिकल इंफ्लेशन में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि पर्याप्त साइज़ के स्वास्थ्य बीमा कवर को लिया जाए। आपके स्वास्थ्य कवर के आदर्श (Ideal) साइज़ को तय करते समय, अपने बजट पर विचार करते समय आपको परिवार के सदस्यों की आयु, स्वास्थ्य दशा और जीवनशैली, भविष्य में आनुवांशिक बीमारियों से पीड़ित होने की संभावना आदि को ध्यान में रखना चाहिए। आपको अलग-अलग कवर साइज़ की पॉलिसियों के फीचर्स की जांच कर लेनी चाहिए। कुछ बीमा कंपनियां कम बीमा राशि की तुलना में उच्च कवरेज वाली पॉलिसियों में बेहतर कवरेज और फीचर्स प्रदान करती हैं। आपको ऐसे पॉलिसी साइज़ को पसंद करना चाहिए जिसे आप भविष्य में बिना किसी ब्रेक के आसानी से रिन्यू कर पाएंगे। यह कहने का अर्थ है कि आपके फेमिली फ्लोटर प्लान का कवर साइज़ कम से कम 7 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच में होना चाहिए।आपको फ्लोटर पॉलिसी में किन-किन महत्वपूर्ण फीचर्स पर ध्यान देना चाहिए? अलग-अलग कंपनियों के स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के फीचर्स भिन्न-भिन्न हो सकते हैं और यह फीचर्स इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप कौन सा वैरिएंट खरीदने का विचार रखते हैं। अधिकांश बीमाकर्ताओं द्वारा ग्राहकों की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अलग स्वास्थ्य पॉलिसी वैरिएंट्स ऑफर किए जाते हैं। फेमिली फ्लोटर पॉलिसी खरीदते समय, आपको बड़ी संख्या में नेटवर्क में शामिल किए गए अस्पतालों, पहले से ही मौजूद दशाओं (बीमारियों) के लिए कम प्रतीक्षा अवधि, कम से कम संख्या में एक्सक्लूजन, नो-क्लेम बोनस संरचना, कुल बीमा राशि की ऑटो रेस्टोरेशन सुविधा, एयर एम्बुलेंस कवरेज, आजीवन (लाइफटाइम) रिन्यूअल सुविधा, वैकल्पिक उपचार के लिए कवरेज, कमरे के किराए और उपचार की कोई कैपिंग न होना (उच्चतम सीमा न होना), को-पे क्लॉज का न होना या कम होना, तत्काल सेटलमेंट रिकॉर्ड आदि जैसे फीचर्स पर ध्यान देना चाहिए। कुछ फीचर्स एड-ऑन आधार पर उपलब्ध हो सकते हैं जिसके लिए संभावित रूप से अतिरिक्त चार्ज देने पड़ सकते हैं। प्रीमियम की अफोर्डेबिलिटी (प्रीमियम वहन करने की क्षमता) महत्वपूर्ण बात है जिस पर विचार किया जाना चाहिए, लेकिन इसके साथ आपको अपने चुने गए बीमाकर्ता के क्लेम सेटलमेंट (दावा निपटान) ट्रैक - रिकॉर्ड की भी जांच करनी चाहिए। कहा जा रहा है कि, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की निर्धारित सीमा तक आयकर अधिनियम की धारा 80-D के अंतर्गत कर-कटौतियों के लिए दावा भी किया जा सकता है।
Source: Navbharat Times May 25, 2021 04:52 UTC