विश्लेषकों का कहना है कि भारत ने स्वाधीनता की लड़ाई में बांग्लादेश की सहायता ज़रूर की थी, लेकिन उसके बाद सीमावर्ती इलाकों में लोगों की हत्या, और पानी के बंटवारे के सवाल पर उसकी भूमिका या आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के आरोप लगने के कारण बांग्लादेश में अक्सर भारत विरोधी भावनाएं सामने आती रही हैं. पढ़ना जारी रखेंकइयों का मानना है कि बांग्लादेश की राजनीति में समय-समय पर भारत विरोधी भावनाओं का जो इस्तेमाल देखा जाता रहा है, ताज़ा हमले उसी की मिसाल हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अंतरिम सरकार के 16 महीने के कार्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति एक बड़ा मुद्दा रही है. विश्लेषकों का कहना है कि बांग्लादेश की राजनीति में भारत-विरोध के मुद्दे का समय-समय पर इस्तेमाल किया जाता रहा है. नुरुल कबीर का कहना है कि सरकार के एक गुट के समर्थन के कारण ही हिंसा की ऐसी घटनाएं हो रही हैं.
Source: NDTV December 24, 2025 12:33 UTC