भक्ति : भालुओं की देवी भक्ति, मूर्ति की करते हैं परिक्रमा, खाते हैं प्रसादी और फिर वापस जंगल में चले जाते हैं - News Summed Up

भक्ति : भालुओं की देवी भक्ति, मूर्ति की करते हैं परिक्रमा, खाते हैं प्रसादी और फिर वापस जंगल में चले जाते हैं


महासमुंद, छत्तीसगढ़। भालुओं की देवी भक्ति का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब ट्रेड हो रहा है। इस वीडियो में भालू मां चंडी देवी का पूजा करते दिख रहे हैं। महासमुंद जिले के बागबाहरा तहसील मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर जंगल में मां चंडी देवी का भव्य मंदिर है। जहां इन भालुओं की भक्ति चर्चा का विषय बनी हुई है। कहा जाता है ये भालू बारी-बारी से मां का आराधना कर प्रसादी भी खाते हैं।भालुओं की पूजा करने का हैं खास समयमाता के दरबार में पहुंचने वाले भालूओं को जब भक्त को जब देखते ही सबकी निगाहें इन पर टिक जाती हैं। सुबह से लेकर रात 8 बजे तक बारी-बारी से भालू यहां पूजा करने पहुंचते हैं। पिछले कई सालों से सिलसिला जारी है। शाम पांच बजे से रात आठ बजे के बीच ये भालू अधिकांश देखे जाते हैं। ये भालू सीढ़ियों से चढ़कर मां चंडी देवी की मूर्ति के पास पहुंचते हैं। वहां मूर्ति की परिक्रमा करते हैं लोगों द्वारा दी जाने वाली प्रसादी खाते हैं और फिर वापस पहाड़ों से लगे जंगलों में अपनी गुफाओं में चले जाते हैं।सुरक्षा के पुख्ता इंतजामबागबाहरा तहसील के इस मंदिर में नवरात्र उत्सव के चलते बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। बताया जा रहा है कि रोजना यहां 20 से 30 हजार श्रद्धालु देवी दर्शन के आते हैं। यहां प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। नवरात्र के चलते दोपहर तीन बजे से लेकर रात दस बजे तक यहां पुलिसबल तैनात रहता है। लोगों को भी सख्त हिदायत दी जाती है कि भालुओं के लिए लगाई जालियों के पास न जाए।मां चंडी के दर्शन करने दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालुचंडी मंदिर समिति घंचापाली के अध्यक्ष नीलकंठ चंद्राकर ने बताया कि पहले यह स्थान विरान था। धीरे-धीरे लोग इस मंदिर में आने लगे हैं। नवरात्र में इस समय मंदिर में सात हजार दीप प्रज्वलित किए गए हैं। इसके अलावा पूरे नौ दिनों तक सुबह-शाम भंडारा होता है। इस मंदिर की इतनी प्रसिद्धि है कि उड़ीसा, बंगाल, यूपी और महाराष्ट्र सहित दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं।


Source: Dainik Bhaskar October 14, 2018 14:26 UTC



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