भारत ने अमेरिका से कहा, दो प्रतिशत सामान्यीकरण शुल्क भेदभावपूर्ण नहींनयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) भारत ने विदेशों में रहकर यहां काम करने वाली ई-वाणिज्य कंपनियों पर 2 प्रतिशत सामान्यीकरण शुल्क (इक्वलाइजेशन लेवी) यानी डिजिटल कर लगाये जाने का बचाव किया है। उसने कहा कि इसकी प्रकृति भेदभावपूर्ण नहीं है और इसका मकसद उन कंपनियों पर कर लगाना है जिनका डिजिटल परिचालन के जरिये देश के बाजार के साथ गहरा संबंध हैं। अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को दिये छह पृष्ठ के जवाब में भारत ने कहा कि शुल्क केवल उन्हीं कंपनियों पर लागू होती है जिनकी सालाना आय 2 करोड़ रुपये (करीब 2,67,000 डॉलर) से अधिक है। इस सीमा काडिसक्लेमर : यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।
Source: Navbharat Times July 17, 2020 18:11 UTC