नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां अगस्त महीने में 21 महीने के उच्चतम स्तर से गिर गईं हैं, क्योंकि नए ऑर्डर्स में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। बुधवार को एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि बढ़ती इनपुट लागत मुद्रास्फीति के बीचफर्मों ने अपने कर्मचारियों के स्तर को मामूली गति से उठाया है।निक्केई इंडिया का सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में गिरकर 51.5 पर पहुंच गया जो कि जुलाई में 54.2 के साथ उच्चतम स्तर पर रहा था। यह बीते दीन महीनों में सबसे कमोजर ग्रोथ है। पीएमआई के संदर्भ में 50 से ऊपर के स्तर का मतलब अर्थव्यवस्था में विस्तार और इससे नीचे के स्तर का मतलब संकुचन की स्थिति को दर्शाता है।आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका आशना डोढिया ने बताया, "अगस्त के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारत के सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की गति (जुलाई) है के उच्चतम स्तर के बाद सुस्त हो गई है। यह मई और नवंबर 2017 के बाद से नए व्यापार एवं रोजगार के मामले में सबसे धीमा विस्तार रहा है।" पीएमआई इंडेक्स में मैन्युफैक्चरिंग के बाद अब सर्विस सेक्टर में भी गिरावट देखने को मिली है।मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने किया निराश: भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार दूसरे महीने सुस्ती देखने को मिली है। धीमें आउटपुट और नए ऑर्डर में कमी के कारण अगस्त महीने में भी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई कमजोर रहा है। यह जानकारी एक सर्वे के जरिए सामने आई है।निक्केई इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त महीने में गिरकर 51.7 पर आ गया, यह जुलाई महीने में 52.3 पर रहा था। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीएमआई इंडेक्स में 50 से ऊपर का स्तर अर्थव्यवस्था में विस्तार को और इससे नीचे के स्तर को अर्थव्यवस्था में संकुचन की स्थिति माना जाता है।Posted By: Praveen Dwivedi
Source: Dainik Jagran September 05, 2018 07:15 UTC