Hindi NewsSportsPatrick Sheik Scored An Amazing Goal, But Don't Expect It To Happen Every Timeयूरो कप डायरी: चेक रिपब्लिक के पैट्रिक ने किया एक चमत्कृत करने वाला गोल, लेकिन इसके हर बार होने की उम्मीद ना करेंनई दिल्ली 12 घंटे पहले लेखक: सुशोभित सक्तावतकॉपी लिंकचेक रिपब्लिक के पैट्रिक शीक गोल करने के बाद खुशी का इजहार करते हुए।यूरो कप के चौथे दिन चेक रिपब्लिक के पैट्रिक शीक के वंडर गोल की बहुत चर्चा रही। यह एक चमत्कृत कर देने वाला गोल था और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं को अपनी चमक में इज़ाफ़ा करने वाले ऐसे ही क्षणों की तलाश रहती है। हो सकता है इस गोल को टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गोल का ख़िताब मिल जाए। इसमें अव्वल तो पैट्रिक की हिम्मत की दाद दी जानी चाहिए, जो उन्होंने हाफ़-लाइन से शूट करने का फ़ैसला लिया। इसमें उनका विज़न, कर्ल की तकनीक और गेंद पर रखा गया परफ़ेक्ट वेट क़ाबिले-तारीफ़ था।इसके बावजूद फ़ुटबॉल के नए प्रशंसकों और दर्शकों को ऐसे गोलों से ज़्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे दुर्लभ होते हैं और एक दशक में इक्का-दुक्का ही सफलतापूर्वक साकार हो पाते हैं। नए और युवा फ़ुटबॉल प्रशंसकों की कल्पनाशीलता पर ओवरहेड किक, बैकहील, हाफ़-लाइन शॉट जैसे गोल छाए रहते हैं, लेकिन सच यह है कि अमूमन खिलाड़ी ट्रेनिंग-सेशंस में इनका अभ्यास नहीं करते। वहीं कोच भी अपने खिलाड़ियों को हाफ़-लाइन से शॉट लगाने के लिए प्रशिक्षित नहीं करते, क्योंकि इसे दु:साहसपूर्ण और शाहख़र्च तरीक़ा माना जाता है, जो एक अवसर को नष्ट भी कर सकता है।वास्तव में लॉन्ग-बॉल्स फूहड़ शैली की फ़ुटबॉल कहलाती है और परिष्कृत शैली का तक़ाज़ा यही है कि सेंट्रल बिल्ड-अप का खेल खेला जाए और गोल को क़दम-दर-क़दम कंस्ट्रक्ट किया जाए। इन अर्थों में पैट्रिक शीक का ही इसी मैच में किया गया हेडर गोल फ़ुटबॉलिंग-एस्थेटिक्स के अधिक निकट माना जाएगा।Let's gather here and give Patrick Schick the credit that he deserves 🔥🔥🔥 Chris Kirubi Scotland Czech Republic pic.twitter.com/4yK5wGYkQ1 — Caolan🇮🇪🔰 (@CazzaSzM) June 14, 2021मैच-डे फ़ोर के दूसरे मैच में यूरोप का नम्बर-वन स्ट्राइकर रॉबेर लेवनडोस्की पोलैंड के लिए खेल रहा था, लेकिन उसकी टीम को हार का सामना करना पड़ा। स्वयं लेवनडोस्की का अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल में प्रदर्शन बीते समय में आशानुरूप नहीं रहा है, जबकि बुन्देसलीगा में बायर्न म्यूनिख़ के लिए खेलते हुए वह गोलों की झड़ी लगा देता है। यह इस बात की एक और बानगी है कि फ़ुटबॉल किन्हीं सिस्टम्स में खेला जाने वाला खेल है, जिनका संजीदा रियाज़ ट्रेनिंग सेशंस के दौरान खिलाड़ियों द्वारा किया जाता है,। इसी से वैयक्तिक विशिष्टताएँ सामूहिक प्रयास बनकर एक सिम्बायोसिस के रूप में उभरकर सामने आती हैं। एक उम्दा स्ट्राइकर उतना ही अच्छा होता है, जितनी अच्छी और रचनात्मक उसकी मिडफ़ील्ड होती है।फ़ुटबॉल उन मायनों में इंडिविजुअल ब्रिलियंस का खेल नहीं है, जिसमें एक खिलाड़ी प्रकाश-स्तम्भ की तरह अकेला खड़ा रहकर मैच या टूर्नामेंट्स जिताता हो। 1970 की विश्वविजेता ब्राज़ील टीम में भी पेले सबसे चर्चित सितारा भले हो, लेकिन वो उसका इकलौता नायक नहीं था। 1986 के विश्वकप में दिएगो मारादोना का प्रदर्शन इंडिविजुअल ब्रिलियंस के श्रेष्ठतम उदाहरणों में से एक माना जाता है, लेकिन डिफ़ेंस-लाइन की कमरतोड़ मेहनत और वाल्दानो-बुरुचागा जैसे फ़ॉरवर्ड्स की सहायता के बिना मारादोना यह सम्भव नहीं कर सकते थे। आख़िरकार, 1986 के विश्वकप फ़ाइनल में निर्णायक गोल तो बुरुचागा ने ही दाग़ा था।मैच-डे के तीसरे मुक़ाबले में स्पेन ने स्वीडन से बिना किसी गोल का ड्रॉ खेला। लुइ एनरीके की यह टीम अतीत की महान स्पैनिश टीमों की तुलना में कहीं नहीं ठहरती है और अल्वारो मोराता की अगुवाई में उसकी आक्रमण-पंक्ति बहुत आशा नहीं जगाती। किंतु मैच-डे फ़ाइव पर सबकी नज़रें जमी रहेंगी, जब दो टूर्नामेंट फ़ेवरेट्स फ्रांस और जर्मनी मोर्चा सम्भालेंगी। मौजूदा चैम्पियन पुर्तगाल की टीम भी हंगारी के ख़िलाफ़ मैदान में उतरेगी। ये दोनों ग्रुप एफ़ के मुक़ाबले होंगे, जो कि बिलाशक़ इस बार का ग्रुप ऑफ़ डेथ है।प्रसंगवश, दक्षिण अमरीका में कोपा के मुक़ाबले भी हो रहे हैं। अर्जेन्तीना ने अपना मैच चीले के साथ 1-1 पर ड्रॉ खेला। अर्जेन्तीनी कप्तान लियो मेस्सी ने फ्री-किक पर एक नायाब गोल किया। यह उनकी 57वीं सफल फ्री-किक थी, मौजूदा समय में खेल रहे खिलाड़ियों में लियो से अधिक फ्री-किक गोल किसी और ने नहीं किए हैं।
Source: Dainik Bhaskar June 15, 2021 07:52 UTC