सहमति से बने संबंध, गलतफहमी ने ले लिया रेप का रंग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सजा - News Summed Up

सहमति से बने संबंध, गलतफहमी ने ले लिया रेप का रंग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सजा


लेखक के बारे में राजेश चौधरी राजेश चौधरी, नवभारत टाइम्स में लीगल एडिटर हैं। वह 22 साल से भी ज्यादा वर्षों से लीगल रिपोर्टिंग कर रहे हैं। शुरुआत में वह दिल्ली की निचली अदालत और सीबीआई कवर करते थे और बाद में वह दिल्ली हाई कोर्ट और फिर लगातार डेढ़ दशक से सुप्रीम कोर्ट कवर कर रहे हैं। इस दौरान राजेश ने देश के तमाम हाई प्रोफाइल केस नीतीश कटारा मर्डर केस, जेसिक लाल केस, बोफोर्स केस, उपहार केस, पार्लियामेंट अटैक केस, प्रिय दर्शनी मट्टू केस से लेकर तमाम संवैधानिक मसले कवर किए जिनमें अनुच्छेद-370, तीन तलाक, निजता का अधिकार, होमो सेक्सुअलिटी को अपराध से बाहर करने का मामला और राम मंदिर मसले अहम है। राजेश ने इस 22 साल के करियर के दौरान दो साल 2006 से लेकर 2007 के सितंबर तक सहारा समय टीवी चैनल में भी बतौर लीगल संवावददाता काम किया। इसके बाद दोबारा वह नवभारत टाइम्स आए और उसके बाद लगातार कानूनी अफेयर्स को कवर करते रहे। नेशनल ब्यूरो में रहते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और कानून मंत्रालय को कवर करने के साथ साथ कानून के विषय पर लगातार एडिट पेज पर लिख रहे हैं। साथ ही लगातार ऑनलाइन माध्यम के लिए भी सक्रिय रिपोर्टिंग करते रहे हैं और ..कोर्ट रूम..नाम के एक साप्ताहिक विडियो इंटरव्यू भी लगातार देते हैं जिनमें सप्ताह भर के मुख्य कानूनी मसले पर उनका साक्षात्कार प्रसारित होता है। इसके अलावा वह लगातार लीगल मसले पर लीगल फोरम नामक कॉलम भी लिखते रहे हैं। उन्होंने दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में एमएससी किया है। साथ ही उन्होंने जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा किया और एलएलबी भी कर रखा है।... और पढ़ें


Source: Navbharat Times December 27, 2025 14:34 UTC



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