Hindi NewsLocalBiharBihar Politics Latest; Shahabuddin Son Osama Meets BJP MLC Tunnaji Pandey In Siwan Todayसियासत वाली मीटिंग: टुन्ना जी पांडेय शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से मिले, इस मीटिंग से सीवान की सियासत पर पड़ेगा असरपटना 10 घंटे पहले लेखक: बृजम पांडेयकॉपी लिंकओसामा से मुलाकात करते टुन्ना पांडेय।बिहार की सियासत इस कोरोना काल में भी करवट लेती जा रही है। सियासी महारथी इस महामारी में भी अपनी राजनीति के लिए जगह ढूंढ रहे हैं। बात सीवान की। सीवान के BJP MLC टुन्नाजी पांडे इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है उनका RJD प्रेम, तेजस्वी प्रेम, लालू प्रेम और शहाबुद्दीन प्रेम। जब टुन्नाजी पांडे ने यह प्रेम जगजाहिर कर दिया तो BJP पर यह दबाव बनने लगा कि आखिर टुन्ना पांडे बीजेपी में क्यों हैं? हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है कि टुन्ना जी पांडे को बीजेपी से निकाला गया है।इससे पहले टुन्ना पांडे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से उनके निवास स्थान पर मिल चुके हैं। इस मीटिंग पर सवाल उठने लगे हैं। आखिर टुन्नाजी पांडे ओसामा से मिलने क्यों गए? इससे पहले वह लालू यादव या फिर तेजस्वी यादव से भी मिल सकते थे। लेकिन उन्होंने जो रास्ता अख्तियार किया है। वह एक बार फिर से सदन में पहुंचने का सबसे आसान रास्ता है।इसलिए बागी बन गए हैं टुन्ना पांडेयटुन्ना जी पांडे सीवान के स्थानीय निकाय से चुनकर MLC बनते हैं। पिछली बार BJP के टिकट पर इन्होंने यह चुनाव लड़ा और MLC बने। मोदी लहर उस समय सबके सिर पर चढ़कर बोल रही थी। टुन्ना जी पांडे आसानी से चुन लिए गए। इस बार उनको ऐसा लगता है पिछली बार जैसी लहर उनके साथ नहीं होगी, तो उन्होंने अपना रास्ता बदल दिया। अब सीवान में रहकर दूसरा रास्ता शहाबुद्दीन के घर से होकर ही जाता है। जब टुन्ना जी पांडे ने अपना रास्ता बदला तो शहाबुद्दीन की शरण में आए। हालांकि शहाबुद्दीन का निधन हो गया है। लेकिन, उनका प्रभाव आसपास के इलाकों पर काफी हद तक है और स्थानीय निकाय के लिए यह काफी है।सीवान में था लेफ्ट का दबदबाअब सीवान की सियासत को समझ लीजिए। सीवान में शहाबुद्दीन से पहले लेफ्ट का दबदबा था। शहाबुद्दीन वाम दल के खिलाफ मजबूती से उतरे। वाम दल का सफाया हुआ और शहाबुद्दीन काबिज हो गए। इसके बाद BJP ने धीरे-धीरे सीवान में एंट्री मारी। लड़ाई दो तरफा हो गई। एक धारा शहाबुद्दीन की तरफ तो दूसरी धारा BJP की तरफ। BJP ने शहाबुद्दीन के विरोध का खूब फायदा उठाया और सेंधमारी कर दी। इसका फायदा यह हुआ कि कुछ जगहों पर विधानसभा में BJP चुनाव जीती और 2014 में लोकसभा भी।ओसामा को मजबूत टीम की जरूरतटुन्नाजी पांडे के सामने BJP छोड़ने के बाद एक ही ऑप्शन था कि वह शहाबुद्दीन की शरण में चले जाएं और उन्होंने वैसा ही किया। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से मिलने के बाद टुन्नाजी ने कोई बयान तो नहीं दिया, लेकिन ये मीटिंग सीवान की सियासत में भूचाल जरूर लाएगी। क्योंकि शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा को आगे की राजनीति तय करने के लिए सीवान के आसपास उन्हें मजबूत लोगों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में ओसामा भी चाहेंगे कि ऐसे लोग उनके साथ आएं। अभी सीवान लोकसभा सीट पर शहाबुद्दीन के दुश्मन रहे अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह JDU से सांसद हैं। ओसामा के लिए यह जरूरी है कि वह ऐसे लोगों की एक फौज तैयार करें जो NDA के विरोध में मजबूत हो।
Source: Dainik Bhaskar June 04, 2021 05:33 UTC