Dainik Bhaskar Apr 09, 2019, 12:04 PM ISTअयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच सुनवाई कर रहीअयोध्या भूमि विवाद में निर्मोही अखाड़ा भी पक्षकार29 जनवरी को केंद्र ने 67 एकड़ जमीन न्यास को लौटाने की अनुमति मांगी थीनई दिल्ली. अयोध्या भूमि विवाद में निर्मोही अखाड़े ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दायर की। इसमें केंद्र सरकार की उस मांग पर आपत्ति जताई है, जिसमे सरकार ने 67 एकड़ अधिगृहित जमीन राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने की अनुमति मांगी है। अखाड़े का कहना है कि इससे वहां मंदिर नष्ट हो जाएंगे, जिनका संचालन अखाड़ा करता है। इसलिए अदालत विवादित भूमि पर फैसला ले।14 अपीलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईसुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर हो रही है। अदालत ने सुनवाई में केंद्र की उस याचिका को भी शामिल किया है, जिसमें सरकार ने गैर विवादित जमीन को उनके मालिकों को लौटाने की मांग की है।5 जजों की बेंच कर रही सुनवाईअयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। इसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।2.77 एकड़ परिसर के अंदर है विवादित जमीनअयोध्या में 2.77 एकड़ परिसर में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का विवाद है। इसी परिसर में 0.313 एकड़ का वह हिस्सा है, जिस पर विवादित ढांचा मौजूद था और जिसे 6 दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था। रामलला अभी इसी 0.313 एकड़ जमीन के एक हिस्से में विराजमान हैं। केंद्र की अर्जी पर भाजपा और सरकार का कहना है कि हम विवादित जमीन को छू भी नहीं रहे।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 साल पहले फैसला सुनाया था
Source: Dainik Bhaskar April 09, 2019 06:07 UTC