फार्मा कंपनी मॉडर्मा ने तैयार की वैक्सीन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर कर रही ट्रायलपहला क्लीनिकल ट्रायल सिएटल के वॉशिंगटन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान में किया गयादैनिक भास्कर Mar 16, 2020, 08:14 PM ISTहेल्थ डेस्क. अमेरिका ने कोरोना वायरस पर वैक्सीन तैयार की है जिसका ट्रायल सोमवार को वॉशिंगटन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान में हुआ। पहले ट्रायल में 45 स्वस्थ युवा शामिल किए गए। ये कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है लेकिन वैक्सीन के साइड इफेक्ट पता लगाने के लिए पहले इन्हें शामिल किया गया है।वैक्सीन की खास बातें#1) वैक्सीन को अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्मा ने तैयार किया और इसकी फंडिंग कर रहे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल में सफलता मिलने पर भी इसे तैयार करने में 18 महीने लगेंगे।#2) यह वैक्सीन जेनेटिक इंजीनियरिंग पर आधारित है। जब मरीज को इसका इंजेक्शन दिया जाता है तो शरीर की कोशिकाएं वायरस को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटती हैं। टुकड़ों की मदद से शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस की पहचान शुरू करता है।#3) इंजेक्शन में मौजूद दवा आरएनए को प्रभावित करती है जो इम्यून सिस्टम को अपना टार्गेट यानी वायरस को पकड़ने का आदेश देता है।#4) वैज्ञानिक थ्योरी के मुताबिक, जब कृत्रिम आरएनए इंसान के शरीर में जाता है तो कोशिकाओं में पहुंचकर अधिक मात्रा में प्रोटीन तैयार करने लगता है। यह प्रोटीन वायरस की ऊपरी सतह से मिलता जुलता होता है जो इम्यून सिस्टम पर दबाव बनाता कि बिना इंसान को नुकसान पहुंचाए वायरस को पकड़े।वैक्सीन को फार्मा कंपनी मॉडर्मा ने तैयार किया है।अप्रैल में होना था ट्रायलनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के डायरेक्टर एंथनी फॉसी के मुताबिक, शुरुआती ट्रायल सफल रहता है दुनियाभर के मरीजों को इसे उपलब्ध कराने में डेढ़ साल लगेंगे। पहले इस वैक्सीन का ट्रायल अप्रैल में होना था लेकिन दुनियाभर में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के बढ़ते आंकड़े सामने आए और तारीख में बदलाव करना पड़ा।अमेरिका में कोरोना से अब तक 68 मौतदुनिया के 157 देशों को कोरोना अपनी चपेट में ले चुका है। इससे दुनियाभर में 6,515 और अमेरिका में 68 लोगों की मौत हो चुकी है। दुनियाभर 1,69,524 लोग अब भी कोरोना की चपेट में हैं।
Source: Dainik Bhaskar March 16, 2020 13:52 UTC