यही वजह है कि यूपी के हमीरपुर और बुंदेलखंड की बंजर भूमि में इसकी खेती बड़े स्तर पर की जा रही है. यही वजह हैं कि यहां के किसान बड़ी संख्या में इसकी खेती करने लिए आकर्षित हो रहे हैं. तो आइए जानते हैं कैमोमाइल वनस्पति की खेती यहां के किसानों के लिए कैसे वरदान साबित हो रही है-कॉन्ट्रैक्ट खेती से हो रहा मुनाफायहां के चिल्ली गांव के 70 फीसदी किसान कैमोमाइल वनस्पति की खेती कर रहे हैं. कंपनी की सीईओ सैफाली गुप्ता का कहना है कि आयुर्वेद की लिहाज से कैमोमाइल का अपना महत्त्व है, वहीं बुंदेलखंड के किसानों को यह आर्थिक रूप से मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. लाखों की कमाईब्रम्हानंद बायो एनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी के चन्द्रशेखर तिवारी का कहना है कि कैमोमाइल वनस्पति की खेती क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप सुदृढ़ कर रही है.
Source: Dainik Jagran June 15, 2021 08:28 UTC