तेलंगाना में कांग्रेस को शुक्रवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब पार्टी के छह में से चार विधान परिषद के सदस्यों (एमएलसी) सत्तारूढ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए। विधान परिषद के सभापति के स्वामी गौड़ ने उन्हें टीआरएस के सदस्य के रूप में मान्यता दे दी है।यह घटनाक्रम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के करीब दस दिन के बाद हुआ है। तेजी से बदलते घटनाक्रम वाले दिन, कांग्रेस के एमएलसी एम एस प्रभाकर राव, टी संतोष कुमार, के दामोदर रेड्डी और अकुला ललिता ने परिषद के सभापति से मुलाकात कर अर्जी सौंपी। इसके कुछ घंटे बाद, परिषद के सचिव ने बुलेटिन जारी कर सदन के सदस्यों को सभापति द्वारा इस ‘विलय’ को मान्यता देने के बारे में जानकारी दी।बुलेटिन में कहा गया, 'सभी सदस्यों को जानकारी दी जाती है कि तेलंगाना विधान परिषद के सभापति ने परिषद के कांग्रेस विधायक दल के तेलंगाना राष्ट्र समिति विधायक दल में विलय को मान्यता दे दी है।' 40 सदस्यीय परिषद में अब कांग्रेस के केवल दो सदस्य मोहम्मद अली शब्बीर और पी सुधाकर रेड्डी रह गए हैं। चार एमएलसी द्वारा सभापति को याचिका देने के तुरंत बाद, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और शब्बीर ने भी गौड़ से मुलाकात करके उनसे इन चारों को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अयोग्य ठहराने की अपील की।
Source: Navbharat Times December 21, 2018 16:07 UTC