Ganesh Ji Ki Arti : जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ - News Summed Up

Ganesh Ji Ki Arti : जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥


Updated: Aug 22, 2020 07:30 am ISTगणेशजी की पूजा और आरती के बिना कोई भी पूजा, अनुष्ठान सफल नहीं होता है। पूजा किसी भी देवी-देवता की क्यों ना हो, गणेशजी की आरती जय गणेश, जय गणेश जय गणेश देवा के बिना पूजा सफल नहीं मानी जाती है। दरअसल प्रथम पूज्य गणेश को विघ्नकर्ता और विघ्नहर्ता दोनों ही कहा जाता है। यह नाराज हो जाएं तो बनते काम भी बिगड़ जाते हैं और प्रसन्न हो जाएं तो संकट और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मदिन है, इस दिन गणेश पूजा में इनकी आरती गाने का आनंद ही कुछ और होता है। आइए मिलकर गाएं…जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥अन्धे को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥गणेश भजन:घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारोतारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।


Source: Navbharat Times August 21, 2020 14:30 UTC



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