नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन सीटों पर मतदान कराए जाएंगे, वहां मंगलवार शाम को चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। पहले चरण में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 91 सीटों पर मतदान कराए जाएंगे।इन राज्यों में आंध्र प्रदेश की 25, अरुणाचल प्रदेश की 2, मेघालय की 1, उत्तराखंड की 5, मिजोरम की 1, नगालैंड की 1, सिक्किम की 1, लक्षद्वीप की 1, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की 1 और तेलंगाना की 17 सीटें शामिल हैं। इसके अलावा असम की 5, बिहार की 4, छत्तीसगढ़ की 1, जम्मू एवं कश्मीर की 2, महाराष्ट्र की 7, मणिपुर की 1, ओडिशा की 4, त्रिपुरा की 1, उत्तर प्रदेश की 8 और पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर भी पहले चरण में मतदान कराए जाएंगे। सभी चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी।पहले चरण में इन सीटों पर होगा मतदानयूपी- गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ और बागपतउत्तराखंड- हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल ऊधमसिंह नगरबिहार- औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुईआंध्र प्रदेश- अमलापुरम, नंद्याल, अनकापल्ली, नरसपुरम, अनंतपुर, नरसरावपेट, अरकू, नेल्लोर, बापत्ला, ओंगोल, चित्तूर, राजमुंदरी, एलुरु, राजामपेट, गुंटूर, श्रीकाकुलम, हिंदुपुर, तिरुपति, कड़पा, विजयवाड़ा, काकीनाडा, विशाखापट्नम, कर्नूल, विजयनगरम, मछलीपट्टनमअरुणाचल प्रदेश- अरुणाचल पश्चिम, अरुणाचल पूर्वअसम- तेजपुर, कलियाबोर, जोरहट, डिब्रूगढ़, लखीमपुरमहाराष्ट्र- वर्धा, रामटेक, नागपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर और यवतमाल-वाशिमओडिशा- कालाहांडी, नबरंगपुर, बेरहामपुर, कोरापुटछत्तीसगढ़- बस्तर, जम्मू कश्मीर- बारामूला, जम्मू, मणिपुर की बाहरी मणिपुर, मेघालय की शिलांग, तूरा और मिजोरम की मिजोरम, नगालैंड की नगालैंड और सिक्किम- सिक्किम सीट पर वोट डाले जाएंगे।ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव: आज थम जाएगा पहले चरण का प्रचार, इन चार सीटों पर 11 को पड़ेंगे वोटपश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर है कड़ा मुकाबलागाजियाबाद में रिेकॉर्ड जीत को दुहराने की चुनौतीदिल्ली एनसीआर की नजर से गाजियाबाद सीट महत्वपूर्ण मानी जाती है। भाजपा ने लगातार दूसरी बार निवर्तमान सांसद वीके सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर युवा महिला चेहरा डॉली शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से पूर्व विधायक सुरेश बंसल ताल ठोंक रहे हैं। पहले सपा ने सुरेंद्र कुमार मुन्नी को प्रत्याशी के रूप में उतारा था। वीके सिंह ने 2014 में पांच लाख अधिक रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। उनके सामने एक बार फिर इस सीट से इतिहास दोहराने की चुनौती होगी।गौतमबुद्ध नगर सीट में त्रिकोणीय है मुकाबलाउत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट प्रदेश की वीआईपी सीटों में से एक है। गौतमबुद्ध नगर सीट से भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पर दांव लगाया है। वहीं, गठबंधन से बसपा के सतवीर नागर मैदान में हैं, जबकि कांग्रेस ने अरविंद कुमार सिंह को उतारा है। त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार भाजपा के महेश शर्मा के सामने पिछले चुनाव में मिली रिकॉर्ड जीत को बरकरार रखने की चुनौती होगी। जहां शहरी क्षेत्रों में महेश शर्मा की पकड़ है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में गठबंधन के प्रत्याशी सतवीर नागर की पकड़ है।सहानपुर में त्रिकोणीय है लड़ाईलोकसभा चुनाव 2019 में सहारनपुर में इस बार त्रिकोणीय लड़ाई है। 2014 के चुनाव में मोदी की लहर में निकटतम विरोधी कांग्रेस के इमरान मसूद को 65 हजार से हराने वाले भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा का भाग्य कांग्रेस प्रत्याशी इमरान को मिलने वाले मतों पर निर्भर है। गठबंधन प्रत्याशी के रूप में बसपा के फजलुर्रहमान अली की भाजपा से सीधी टक्कर मानी जा रही है।असमंजस है तो एक कि मुस्लिम मतों का बंटवारा कितना होगा। गठबंधन ने भी अपनी पहली रैली सहारनपुर के ही विश्वविख्यात देवबंद से की है। इमरान के कांग्रेस के प्रत्याशी के मैदान में आने से भाजपा की जीत की राह आसान लगती है बशर्ते इमरान पुराना जादू दिखा सकें। 2014 के चुनाव में भाजपा के राघव लखनपाल को 472,999 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के इमरान मसूद को 407,909 और बसपा के जगदीश सिंह राणा को 235,033 वोट मिले थे।ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2019: एनडीेए या महागठबंधन, कौन भेदेगा पहले चरण का चक्रव्यूहमुजफ्फरनगर : यहां पलड़ा किसी ओर झुक सकता है2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद भाजपा ने मुजफ्फरनगर मॉड्यूल को अपनाकर 2014 के चुनाव में उत्तर प्रदेश पश्चिम की सभी सीटों पर कब्जा जमा लिया था। अप्रैल 2019 में हवा कुछ बदली सी है। एनडीए सरकार में मंत्री रहे डॉ. संजीव बालियान को जाटों के सबसे बड़े नेता के रूप में जाने जाने वाले चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजित सिंह से मुकाबला करना पड़ रहा है। संजीव बालियान के पास पिछड़ी जातियों, सवर्णों के साथ-साथ जाट वोटों की भी ताकत है। दूसरी ओर चौधरी अजित सिंह के पास गठबंधन की ताकत है।दोनों ही ओर से जाट प्रत्याशी होने के कारण जाट बिरादरी दुविधा में है। यहां दोनों ही पक्षों के परंपरागत वोटर खुलकर बोल रहे थे। दंगा प्रभावित क्षेत्रों में जिससे भी पूछो वो यही कहता मिला कि पूरा भाईचारा है, कोई तनाव नहीं। इसके बाद भी किसको वोट देना है का जवाब सीधा मिलता रहा। पूरे इलाके में आपे घुमेंगे तो आपको यही लगेगा कि टक्कर जोरदार है और यहां कुछ भी हो सकता है। 2014 में भाजपा के संजीव बालियान को 653391 वोट मिले थे, वहीं बसपा के कादिर राना को 252241 और सपा के वीरेंद्र सिंह को 160810 वोट मिले।मेरठ में भाजपा और गठबंधन के बीच कड़ी चुनौतीसांसद राजेंद्र अगवाल की अपनी उपलब्धियां चाहे जो हों, वे रैपिड रेल, मेट्रो को अपना ही काम बताते हैं। शहर के लोगो से मिलते-जुलते भी रहे हैं पर अपनी बिरादरी के कांग्रेस प्रत्याशी हरेन्द्र अग्रवाल के चलते चुनौती बढ़
Source: Dainik Jagran April 09, 2019 08:44 UTC