Home / Cricket / MCG पर ऑस्ट्रेलिया की ऐतिहासिक फजीहत, 97 साल में सबसे शर्मनाक टेस्ट प्रदर्शनमेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में चल रहा बॉक्सिंग डे टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए एक बुरा सपना बन गया है। जिस मैदान पर दशकों तक घरेलू टीम ने विपक्षियों को दबाया, उसी MCG पर अब ऑस्ट्रेलिया ने अपने टेस्ट इतिहास का सबसे शर्मनाक अध्याय जोड़ दिया।रिकॉर्ड की शर्म2025-26 एशेज सीरीज़ के चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ 152 और 132 रन बनाए। पूरी टीम महज़ 79.5 ओवर यानी 479 गेंदों में ऑलआउट हो गई। यह 1928 के बाद किसी भी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया द्वारा खेली गई सबसे कम गेंदों का आंकड़ा है।97 साल बादआखिरी बार ऐसा नज़ारा 1928 में देखने को मिला था, जब ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया 457 गेंदों में सिमट गया था। अब 97 साल बाद MCG पर 479 गेंदों में 20 विकेट गिरना इस बात का संकेत है कि हालात कितने खराब रहे। यह टेस्ट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया का तीसरा सबसे कम गेंदों वाला प्रदर्शन बन गया है।विकेटों की बारिशइस टेस्ट में बल्लेबाज़ी नाम की चीज़ ही गायब दिखी। सिर्फ पांच सेशनों के भीतर 30 विकेट गिर गए। जहां बॉक्सिंग डे टेस्ट आमतौर पर पांच दिन का उत्सव होता है, वहीं इस बार दर्शकों को लगातार विकेट गिरते देखने पड़े। मैच क्रिकेट से ज़्यादा सर्वाइवल टेस्ट बन गया।पिच का सवालपिच की भूमिका को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है। बल्लेबाज़ों के लिए यह विकेट इतना मुश्किल साबित हुआ कि टिकना भी चुनौती बन गया। उछाल और सीम मूवमेंट ने खेल को पूरी तरह गेंदबाज़ों के पक्ष में झुका दिया।वॉन की नाराज़गीइंग्लैंड के पूर्व कप्तान Michael Vaughan ने पिच को लेकर खुली नाराज़गी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे मजाक करार देते हुए कहा कि इस तरह की पिच खिलाड़ियों, ब्रॉडकास्टर्स और सबसे अहम, फैंस के साथ नाइंसाफी है। उनके बयान के बाद पिच की गुणवत्ता पर सवाल और तेज़ हो गए हैं।घरेलू शर्मिंदगीसबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि यह सब ऑस्ट्रेलिया के अपने घर में हुआ। एक समय था जब MCG पर मेज़बान टीम विपक्षी को थका देती थी, लेकिन इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ खुद ही टिक नहीं पाए। घरेलू परिस्थितियों में ऐसा प्रदर्शन किसी भी टीम के लिए शर्मनाक माना जाएगा।गलत वजह से इतिहासयह मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में जरूर दर्ज होगा, लेकिन गलत कारणों से। ना यहां यादगार बल्लेबाज़ी रही, ना रणनीतिक जंग। सिर्फ खराब बल्लेबाज़ी, मुश्किल पिच और तेजी से गिरते विकेट, यही इस टेस्ट की पहचान बन गए।अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं। रोमांच और चुनौती के बीच संतुलन ज़रूरी होता है, और MCG का यह टेस्ट उसी संतुलन पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न छोड़ गया है।FAQs
Source: Dainik Jagran December 27, 2025 06:55 UTC