मेरठ (ब्यूरो)। हाउस टैक्स के टारगेट को पूरा करना नगर निगम के लिए अब किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है। दरअसल, जो वित्तीय वर्ष पूरा होने को है और निगम अभी अपने टारगेट का करीब 30 प्रतिशत हाउस टैक्स ही वसूल पाया है। उधर जिन भवन स्वामियों को जीआई सर्वे के आधार पर हाउस टैक्स के बिल भेजे जा चुके थे वह भी बिल चुकाने के बजाए निगम पर गलत बिल और नियमों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम अब धारा-213 के तहत भवन स्वामियों को नोटिस भेजकर अपनी गलती को सुधारने में जुट गया है। पहले से परेशान लोग अब निगम की धारा-213 में उलझ गए हैं और समझ नहीं पा रहे कि इसके जरिए उनका हाउस टैक्स बिल सही कैसे होगा।बिना नोटिस सीधे बिल भेजेगौरतलब है कि नगर निगम ने अपने हाउस टैक्स का टारगेट पूरा करने के लिए शहर के हजारों संपत्ति मालिकों को बिना किसी पूर्व सूचना या उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा-213 के तहत अनिवार्य नोटिस दिए बिना ही हाउस टैक्स के बिल बांट दिए। बिल भी ऐसे, जिनको जारी करने का सही आधार और नियम भवन स्वामियों को सही से बताया ही नहीं गया। दो से पांच गुना तक अधिक हाउस टैक्स बिल देखकर शहर के लोग परेशान हो गए और निगम पर गलत हाउस टैक्स बिल जारी करने के आरोप लगा दिए। आए दिन नगर निगम कार्यालय पर हाउस टैक्स बिलों को लेकर हंगामा बढ़ाता देख अब निगम बैकफुट पर आ गया है और भवन स्वामियों से नियमानुसार हाउस टैक्स वसूली के लिए धारा-213 के तहत नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।याद आई धारा-213नगर निगम अधिनियम की धारा-213 के अनुसार, संपत्ति के कर निर्धारण में किसी भी प्रकार के बदलाव या वृद्धि से पहले संपत्ति मालिक को आपत्ति दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत नोटिस जारी करना अनिवार्य होता है। इसके तहत मालिक को अपने हाउस टैक्स पर सही या गलत की सुनवाई का मौका मिलता है। लेकिन टारगेट पूरा करने की जल्दी में नगर निगम ने बिना नोटिस के ही मनमर्जी का बिल बनाकर भवन स्वामियों को भेज दिया। वो भी ऐसे बिल, जिसमें पुराने और नए टैक्स के बीच कई गुना का अंतर है।सिर्फ 30 प्रतिशत वसूलीहाउस टैक्स की वसूली के लिए नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 110 करोड़ रुपए का टारगेट रखा था। लेकिन वित्तीय वर्ष के नौ महीने बीतने के बाद निगम टैक्स वसूली के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष करीब 34 करोड़ रुपए की ही वसूली कर पाया है। इन 34 करोड़ में 9 करोड़ रुपए हाउस टैक्स अकेले आरएएफ वेदव्यासपुरी ने जमा किया है। यानि बाकि शहर से करीब 27 करोड़ का हाउस टैक्स ही निगम अभी तक वसूल पाया है।फैक्ट्सनगर निगम के अंतर्गत आवासीय एवं व्यवसायिक मिलाकर करीब 4 लाख संपत्तियांइनमें से 1.45 लाख नई संपत्तियां हैं जो अभी टैक्स के दायरे में शामिल नहीं हुईबाकि 2.58 लाख संपत्तियों से वसूला जा रहा हाउस टैक्सनई-पुरानी संपत्तियों को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग 25 हजार भवन स्वामियों को दिए गए हाउस टैक्स बिलमेरा हाउस टैक्स अब तक 1272 रुपए था। जो इस बार सीधे 3,226 रुपये कर दिया गया है। न मुझे कोई नोटिस मिला और न कारण बताया कि अचानक बिल दोगुने से अधिक कैसे हो गया।योगेंद्रबिल की समस्या पर सभी को बस स्व: मूल्याकंन के लिए स्वकर प्रपत्र थमा दिया जा रहा है। लेकिन इस फार्म से हाउस टैक्स की गणना कैसे होगी ये कोई नहीं बता रहा है।अमृताहाउस टैक्स के मामले में निगम में आपत्ति की सुनवाई और निस्तारण नहीं हो रहा है। कोई सही जानकारी निगम के पास भी नहीं है। बस बिल जमा कराने की जल्दी है।सतीश त्यागीऐसा नहीं है कि धारा-312 के नोटिस नहीं जारी किए गए। जीआइएस सर्वे के बाद धारा-213 के नोटिस लगभग 40 प्रतिशत भवन स्वामियों को जारी किए गए थे। जिन लोगों को बढ़े बिल पर आपत्ति है, वह स्वकर प्रपत्र फार्म भरकर दोबारा हाउस टैक्स की गणना करा सकते हैं।एसके गौतम, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम
Source: Dainik Jagran December 24, 2025 07:21 UTC