Negotiations are ongoing with India, but China is still continuously increasing infrastructure and troops in eastern Ladakh. - News Summed Up

Negotiations are ongoing with India, but China is still continuously increasing infrastructure and troops in eastern Ladakh.


श्रीनगर-लद्दाख हाईवे पर 18 जून को गगनगीर के पास आने जाने वाली गाड़ियों पर नजर रखती भारतीय सेना। भारत ने सीमा विवाद सुलझाने के बीच चीन को चेतावनी दी है कि वह गलवान घाटी पर बेतुका बयान नहीं दे।श्रीनगर-लद्दाख हाईवे पर 18 जून को गगनगीर के पास आने जाने वाली गाड़ियों पर नजर रखती भारतीय सेना। भारत ने सीमा विवाद सुलझाने के बीच चीन को चेतावनी दी है कि वह गलवान घाटी पर बेतुका बयान नहीं दे।दो दिन पहले भारत और चीन के कमांडरों के बीच बातचीत में सेनाएं पीछे हटाने पर सहमति बनी थीगलवान के बाद बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों में ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल की बातचीत आज हुईदैनिक भास्कर Jun 24, 2020, 09:31 PM ISTनई दिल्ली. गलवान में 15 जून को हुई झड़प के बाद भारत और चीन के कमांडर सेनाएं हटाने पर राजी हो गए हैं। आज डिप्लोमैटिक लेवल पर भी बातचीत हुई, पर गलवान में तनाव कम नहीं हुआ है। सेना के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि घाटी के मुहाने पर कुछ किलोमीटर के दायरे में चीनी सेना अभी भी मौजूद हैं। जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 से भारतीय सेनाओं ने 15 जून को चीन के टेंट हटाए थे, वैसे ही स्ट्रक्चर फिर से वहां दिखाई दे रहे हैं।भारत ने भी ताकत दिखाईभारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने भी उस इलाके के ऊपर उड़ान भरी, जहां भारत और चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी। भारत ने भी यहां अपने और ज्यादा जवान भेजे हैं। लेह के निवासियों ने बताया कि सड़कों पर सेना के ट्रकों की लंबी कतारें देखी गईं। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने भी एएफपी को बताया कि इस इलाके में अब हमारी तादाद भी अच्छी-खासी है।लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहा है चीनन्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चीन लगातार अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर और जवान बढ़ाता जा रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगोंग झील, जिसे फिंगर एरिया कहा जाता है, उसके पास लगातार निर्माण कर रही है और अपने जवान बढ़ा रही है। इस इलाके में चीन ने 4 मई कोई ठिकाने बनाने शुरू किए थे और अब तक यहां पीएलए के 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए जा चुके हैं।गलवान घाटी में भी चीन ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ायासूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में फिंगर-8 तक के एरिया को अपनी सीमा में मानती है, लेकिन चीन से हाल में हुए टकराव इसी बात को लेकर हुए थे, क्योंकि पीएलए के जवानों ने भारतीय जवानों को फिंगर-8 से आगे जाने से रोक दिया था। फिंगर एरिया में लगातार चीन नए इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।गलवान घाटी में जहां चीनी सैनिकों से झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, वहां भी टकराव के बाद चीन ने नए ठिकाने खड़े कर लिए हैं। भारतीय सीमा में सैनिकों के पेट्रोलिंग प्वाइंट पीपी-15, पीपी-17 और पीपी-17ए के पास चीन ने जो ठिकाने बनाए थे, वे अभी भी मौजूद हैं। चीन यहां पर सड़क का इस्तेमाल करता है और अगर उसे जरूरत पड़े तो बहुत तेजी से भारतीय इलाकों में अपने सैनिक और उपकरण भेज सकता है।दो एयरबेस पर फाइटर जेट तैनातचीन ने होटन और गारगुंसा एयरबेस पर फाइटर जेट्स बढ़ा दिए हैं। यहां पर बॉम्बर्स और एसयू-30 फाइटर जेट्स की तैनाती की गई है। चीन ने भारतीय सीमा की दूसरी ओर एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 भी तैयार रखा है। भारत और रूस के बीच इसी एयर डिफेंस सिस्टम की डील हो चुकी है। माना जा रहा है कि जुलाई के आखिर में यह डिफेंस सिस्टम भारत को मिल जाएगा। महामारी के चलते इसकी डिलिवरी में देरी हुई।


Source: Dainik Bhaskar June 24, 2020 12:02 UTC



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