Tokyo Olympics 2021: गले में सोने का मेडल और आंखों में पिता के लिए आंसू, टॉम डेली की यह फोटो एक कहानी है - News Summed Up

Tokyo Olympics 2021: गले में सोने का मेडल और आंखों में पिता के लिए आंसू, टॉम डेली की यह फोटो एक कहानी है


बचपन में उड़ना पसंद था, आज आसमान छू लिया टॉम डेली जब 7 साल के थे तो गोते लगाना नहीं चाहते थे, उनके मन में उड़ने का अरमान था। जिस एकेडमी में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई, वहां के शुरुआती दिन टॉम के लिए आंसुओं में गुजरे। कोच ने परेशानी समझी और कहा कि डाइविंग को आसमान में उड़ने की तरह ही समझो और उड़ो... ठीक पीटर पैन के बच्‍चे की तरह। डेली ने उड़ना शुरू कर दिया। 9 साल की उम्र में टॉम ने एक तस्‍वीर बनाई थी जिसमें एक लड़का हैंडस्‍टैंड कर रहा है, पीछे लंदन 2012 लिखा था और ओलिंपिक रिंग्‍स बने हुए थे। टॉम ने अपनी सूरत उभार दी थी। वह अपने हर कॉम्प्‍टीशन में एक सॉफ्ट टॉय लेकर जाते हैं, जिसे वह लकी चार्म समझते हैं।हर बड़े इवेंट में हौसला बढ़ाने को रहते थे पिता 13 साल का होते-होते टॉम का कमरा मेडल्‍स से भरने लगा था। 15 साल की उम्र में टॉम ब्रिटिश और यूरोप में डाइविंग के चैम्पियन बन चुके थे। उस वक्‍त तक टॉम के पिता साथ थे। यही वो दौर था जब टॉम के पिता रॉब को ब्रेन में ट्यूमर का पता चला। ये 2012 ओलिंपिक के पहले की बात है। 16वें जन्‍मदिन तक पिता की कीमोथिरैपी शुरू हो चुकी थी, डॉक्‍टर्स ने फ्लाइट लेने से मना किया था। मगर पिता के दिल को कौन समझाए। वह बुडापेस्‍ट में होने वाली यूरोपियन चैम्पियनशिप के लिए बेटे के साथ गए। कुछ ही दिन बाद डेली कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में हिस्‍सा लेने भारत आए मगर इस बार रॉब साथ नहीं थे। साल भर बाद रॉब ने दुनिया को अलविदा कह दिया।'आज मेरे पिता को मुझपर नाज होगा' उन्‍होंने कभी मुझे ओलिंपिक मेडल जीतते नहीं देखा, ना ही शादी करते, ना बच्‍चा पालते हुए, ना कभी गाड़ी चलाना सिखाया, ना हमने किसी पब में साथ बैठकर कभी शराब पी। मेरा सफर 2001 में शुरू हुआ जब मैं एक लोकल डाइविंग पूल में गया। मुझे लगा कि डाइवर्स को बोर्ड पर सोमरसॉल्‍ट करते देखना मजेदार होगा और फिर मैंने डैड से खुद को डाइविंग पूल ले जाने के लिए मनाया। मैं जानता हूं कि जिस तरह मैं ओलिंपिक चैम्पियन बना हूं, उन्‍हें बेहद नाज होगा। टॉम डेवी, गोल्‍ड मेडलिस्‍ट, डाइविंग, तोक्‍यो ओलिंपिक 2021जिंदगी में आए एक शख्‍स ने टॉम को दी नई हिम्‍मत 18 साल की उम्र में लंदन ओलिंपिंक में शिरकत करने वाले टॉम का अनुभव इतना खराब रहा कि उन्‍होंने खेल से तौबा करने का मन बना लिया था। वह समलैंगिक थे और समाज को यह रास नहीं आ रहा था। टॉम को फिकरों का सामना करना पड़ा। सितंबर 2019, तब सिर्फ 19 साल के रहे टॉम ने कहा था, "मुझे यह मजेदार लगता है जब लोग कहते हैं कि मैं गे हूं। मैं नहीं हूं। अगर मैं होता तो भी शर्मिंदा नहीं होता।" तीन महीने बादा उनकी मुलाकात उम्र में 20 साल बड़े डस्टिन लांस ब्‍लैक से हुई। टॉम कहते हैं कि ब्‍लैक से मुलाकात के बाद उनकी दुनिया ही बदल गई। 23 साल की उम्र में टॉम ने अपने बच्‍चे रॉबर्ट रे के जन्‍म की घोषणा की। बच्‍चे का नाम अपने पिता के नाम पर रखा। अब कहानी पलटनी शुरू हो चुकी थी।पूरी दुनिया से कह दिया, हां मैं गे हूं तोक्‍यो ओलिंपिक में कम से कम 168 LGBTQ एथलीट्स हिस्‍सा ले रहे हैं, टॉम उनमें से एक हैं। वे कहते हैं, "मुझे बड़ा गर्व हो रहा है जब मैं कहता हूं कि मैं समलैंगिक हूं और ओलिंपिक चैम्पियन भी। जब मैं छोटा था तो मैंने नहीं सोचा था कि जो मैं हूं, उसकी वजह से कुछ भी हासिल कर पाऊंगा.... मैं अपने पिता और बेटे से मिलने के लिए बेकरार हूं... उन्‍हें कसकर गले लगाना चाहता हूं।"


Source: Navbharat Times July 27, 2021 03:01 UTC



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