Twitter: ट्विटर ने राजनीतिक विज्ञापनों पर लगाया आधिकारिक बैन - News Summed Up

Twitter: ट्विटर ने राजनीतिक विज्ञापनों पर लगाया आधिकारिक बैन


माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ( Twitter ) ने दुनिया भर में अपने प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकल विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। ट्विटर के CEO जैक डॉर्सी ने कुछ वक्त पहले यह घोषणा की थी अब ट्विटर पर पॉलिटिकल ऐड नहीं परोसे जाएंगे। अब कंपनी ने आधिकारिक तौर पर राजनीतिक विज्ञापनों पर बैन लगा दिया है। यानी अब ट्विटर पर पॉलिटिकल कैंडिडेट या दल विज्ञापन नहीं दे सकेंगे। ट्विटर ने राजनीतिक विज्ञापनों पर यह रोक दुनिया भर में लगाई है।31 अक्टूबर को जैक डॉर्सी ने ट्वीट कर कहा था, ' 'हमने वैश्विक स्तर पर ट्विटर पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों को रोकने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि राजनीतिक संदेश पहुंचना चाहिए, खरीदा नहीं जाना चाहिए।' डॉर्सी ने अपने इस फैसले के पीछे कई कारण ट्विटर पर पोस्ट किए थे।एक पॉलिटिकल मेसेज को तब रीच (लोगों तक पहुंच) मिलती है, जब लोग किसी अकाउंट को फॉलो करते हैं या मेसेज को रिट्वीट करते हैं। विज्ञापन के चलते लोगों तक जबरन टारगेटेड पॉलिटिकल मेसेज पहुंचता है। हमारा मानना है कि इस निर्णय का पैसे से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।कमर्शल विज्ञापनदाताओं के लिए इंटरनेट ऐडवर्टाइजिंग काफी पावरफुल और प्रभावी है, लेकिन यह पावर राजनीति में महत्वपूर्ण जोखिम लाती है। वहां इसका उपयोग वोटों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है, जो लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।इंटरनेट राजनीतिक विज्ञापन आम लोगों के बीच तर्क के लिए पूरी तरह से नई चुनौतियों को पेश करते हैं। मशीन लर्निंग आधारित मेसेज का ऑप्टिमाइजेशन और माइक्रो-टारगेटिंग भ्रामक व फर्जी (फेक) सूचना को अनियंत्रित करता है।ये चुनौतियां सिर्फ राजनीतिक विज्ञापनों को नहीं, बल्कि सभी इंटरनेट संचार को प्रभावित करेंगी। बेहतर होगा कि पैसे लेकर आने वाले अतिरिक्त बोझ और जटिलता के बिना मूल समस्याओं पर अपने प्रयासों को केंद्रित किया जाए।उदाहरण के लिए यह कहना हमारे लिए विश्वसनीय नहीं है: 'हम भ्रामक जानकारी फैलाने के लिए हमारे सिस्टम से खेल करने वाले लोगों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति हमें टारगेट करने के लिए भुगतान करता है और लोगों को उनका राजनीतिक विज्ञापन देखने के लिए मजबूर करता है, तो… वे जो चाहें कह सकते हैं! 'पहले हमने सिर्फ कैंडिडेट्स के विज्ञापनों पर रोक लगाना तय किया था, लेकिन यह ठीक नहीं है कि कैंडिडेट उन मुद्दों से जुड़े विज्ञापन खरीदे लें जिन मुद्दों पर वह जोर देना चाहते हैं। इसलिए हम मुद्दों से जुड़े विज्ञापनों पर भी रोक लगा रहे हैं।हम यह अच्छी तरह जानते हैं हम राजनीतिक विज्ञापनों के ईकोसिस्टम का एक छोटा सा हिस्सा हैं। कुछ लोग हमारे इस काम पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन हमने ऐसे बहुत सामाजिक आंदोलन देखे हैं, जिन्होंने बिना राजनीतिक विज्ञापनों के बड़े स्तर पर अपनी पहुंच बनाई है। हमें विश्वास है कि आगे भी ऐसा होगा।इसके साथ हमें राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़े ऐसे नियमों की जरूरत है, जो उन्नतिशील हों (ऐसा करना बहुत कठिन है)। विज्ञापनों की पारदर्शिता प्रोग्रेस है, लेकिन यह काफी नहीं है। इंटरनेट बिल्कुल नई क्षमताएं उपलब्ध कराता है और नियम बनाने वालों को वर्तमान से बढ़कर सोचना होगा।


Source: Navbharat Times November 16, 2019 11:48 UTC



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