जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना एक्सप्रेसवे के माइलस्टोन 127 पर बीते दिनों हुए भीषण सड़क हादसे की विस्तृत जांच रिपोर्ट रविवार देर रात तक तैयार की जाती रही। सोमवार को जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जानी है। टीम ने जांच रिपोर्ट पूरी करने को 24 घंटे का समय मांगा था, जो रविवार को पूरा हो गया। हादसे की गंभीरता को देखते हुए डीएम द्वारा गठित छह सदस्यीय जांच टीम ने एडीएम प्रशासन अमरेश कुमार के नेतृत्व में घटना के हर पहलू पर बारीकी से मंथन किया।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ेंजांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में केवल मानवीय त्रुटियों को ही नहीं, बल्कि नए तकनीकी पहलुओं को भी शामिल किया है। टीम ने एक्सप्रेसवे पर भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेषज्ञों और आम जनमानस से प्राप्त प्रभावी सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें भी अपनी संस्तुतियों में स्थान दिया है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में हादसे के दो प्रमुख कारणों को रेखांकित किया गया है।पहली बार दृश्यता को शून्य के करीब पहुंचाया पहला कारण घना कोहरा था, जिसने दृश्यता को शून्य के करीब पहुंचा दिया था। वहीं, दूसरा और सबसे घातक कारण टक्कर के बाद बस में हुआ शार्ट सर्किट माना जा रहा है। शार्ट सर्किट के कारण बस में अचानक आग लग गई, जिसने यात्रियों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। आग से छह स्लीपर कोच, दो रोडवेज बस व एक कार पूरी तरह जल गईं। इस हादसे में 19 लोगों की जलकर मृत्यु हो गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे।
Source: NDTV December 22, 2025 12:03 UTC