कुमारस्वामी और सिद्धारमैया (फाइल फोटो)कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गंभीर संकट में घिरी हुई है। 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सोमवार को डैमेज कंट्रोल की रणनीति के तहत बड़े सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस और जेडीएस के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सीएम एचडी कुमारस्वामी ने गठबंधन सरकार को बचाने की कोशिश के तहत आखिरी दांव खेला है। इस बीच कुमारस्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है।नाटकीय घटनाक्रम के बीच जहां कुमारस्वामी रविवार को अपना यूएस दौरा बीच में छोड़कर लौट आए, वहीं दूसरी ओर संसद में भी कर्नाटक के संकट पर घमासान देखने को मिला है। सरकार गिरने की संभावना के बीच कुमारस्वामी के लिए मंत्रियों का इस्तीफा इसलिए भी अहम है, क्योंकि अब बदले हुए हालात में उनके पास बागी विधायकों को समायोजित करने का पूरा मौका है। चूंकि विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर केआर राकेश कुमार मंगलवार को फैसला करेंगे, लिहाजा कांग्रेस-जेडीएस के पास अभी असंतुष्टों को मनाने का पर्याप्त समय है।मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब कुमारस्वामी नए सिरे से कैबिनेट का गठन कर सकते हैं और इसमें वह बागियों को शामिल कर सकते हैं। शह और मात की सियासत के बीच सीएम कुमारस्वामी का कहना है कि संकट को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'इस संकट का हल निकाल लिया जाएगा। चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह सरकार (कांग्रेस-जेडीएस) आराम से चलेगी।'कुमारस्वामी ने फिलहाल चल रही सियासी उठापटक पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, 'वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर मुझे किसी तरह की हड़बड़ी नहीं है। मैं राजनीति के बारे में कोई चर्चा नहीं करना चाहता हूं।'कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, '21 कांग्रेस मंत्रियों की तरह जेडीएस के सभी मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट का जल्द ही नए सिरे से गठन होगा।' सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस नेताओं के बीच मंथन के बाद तय हुआ कि असंतुष्ट विधायकों को अपने साथ लाने के लिए पहले सभी मंत्रियों का इस्तीफा कराया जाए और फिर बाद में बागियों को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाए। इसी रणनीति के तहत सोमवार को कांग्रेस के सभी मंत्रियों ने स्वैच्छिक रूप से त्यागपत्र दे दिया है।कुमारस्वामी के लिए 10 कांग्रेस विधायकों को मनाना पहली प्राथमिकता है, क्योंकि अगर वे इसमें कामयाब रहते हैं तो संख्याबल का पलड़ा फिर गठबंधन सरकार के पक्ष में झुक जाएगा। जेडीएस के तीन विधायक अगर नहीं भी मानते हैं तो 224 सदस्यों वाले सदन में बहुमत का जादुई आंकड़ा 111 रहेगा, जिसे कुमारस्वामी बागियों की बदौलत हासिल कर सकते हैं। फिलहाल देखा जाए तो बीजेपी के लिए थोड़ी बढ़त की स्थिति है। निर्दलीय विधायक एच नागेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद बीजेपी के समर्थन में 106 विधायक दिख रहे हैं। अगर 13 विधायकों को कांग्रेस और जेडीएस मनाने में नाकाम रहते हैं तो सभी का इस्तीफा मंजूर होने के बाद सदन में बहुमत के लिए 106 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी, जो कि बीजेपी के पास मौजूद नजर आ रहा है।कर्नाटक कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने मीडिया को बताया, 'आज हुई बैठक में मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया, जिससे कि अन्य लोगों को अवसर दिए जा सकें। सरकार में पूरी तरह से बदलाव होगा लेकिन हमारी सरकार चलती रहेगी।' कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'कर्नाटक सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया, हम इसके लिए उनका धन्यवाद व्यक्त करते हैं।'
Source: Navbharat Times July 08, 2019 09:32 UTC