गहलोत का गेम प्लान: अब भाजपा को मौका नहीं देना चाहते, पायलट को लेकर 'मन की बात’ आलाकमान तक पहुंचाई - News Summed Up

गहलोत का गेम प्लान: अब भाजपा को मौका नहीं देना चाहते, पायलट को लेकर 'मन की बात’ आलाकमान तक पहुंचाई


Hindi NewsLocalRajasthanJaipurDon't Want To Give BJP A Chance From Bihar ElectionAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐपगहलोत का गेम प्लान: अब भाजपा को मौका नहीं देना चाहते, पायलट को लेकर 'मन की बात’ आलाकमान तक पहुंचाईजयपुर/यज्ञदत्त परसाई 10 घंटे पहलेकॉपी लिंकसीएम गहलाेत ने एक बयान से दो निशाने साधे हैं। पहला BJP पर। -फाइल फोटोगहलोत के अचानक सरकार को लेकर फिर बयानबाजी और पुरानी घटनाओं के जिक्र के सियासी मायने निकल रहे हैंएक बार अपनी सरकार को बचाने में कामयाब हो चुके राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ताजा बयान ने सियासत में सनसनी फैला दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकारें गिराने का खेल फिर शुरू हो गया है। राजस्थान से पहले महाराष्ट्र का भी जिक्र किया है कि अब उसकी बारी है। उनके इस बयान को BJP के साथ गहलोत का सचिन पायलट के खिलाफ 'गेम प्लान' भी माना जा रहा है।इस बयान के आते ही भाजपा उखड़ गई और गहलोत पर नैतिक साहस और मनोबल खो देने की बात कही। भाजपा ने यह कहने की कोशिश की है कि गहलोत से सरकार तो संभल नहीं रही है इसलिए भेड़िया आया..भेड़िया आया वाली हरकतें कर रहे हैं। हालांकि, पायलट गुट की ओर से कोई सख्त प्रतिक्रिया नहीं सुनने को मिली है।अचानक बयान लेकिन मायने बिल्कुल साफदरअसल, गहलाेत ने एक बयान से दो निशाने साधे हैं। पहला BJP पर। दरअसल पार्टी की A और B (सरकार और संगठन) दोनों ही टीमें बिहार चुनाव के बाद फ्री हो गई हैं। बंगाल चुनाव में अभी समय है। ऐसे में महाराष्ट्र् की सियासी हलचल भांपते ही गहलोत ने बीजेपी को जोड़तोड़ का आरोप लगाकर फिर से कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।गहलोत सरकार पिछली बार वाला ही फॉर्मूला अपनाते दिख रही है। तब सरकार को लड़खड़ाते देख कुछ ऐसे फैक्ट्स 'सही जगह' भिजवाए थे, जिससे बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी।दूसरा अप्रत्यक्ष निशाना पायलट पर भी है। गहलोत ने ऐसे वक्त पर बयान जारी किया है, जब मंत्रिमंडल में बदलाव, राजनीतिक नियुक्तियां और प्रदेश कांग्रेस की नई टीम फाइनल होने की संभावना बन रही हैं। ऐसे में राजस्थान में सरकार और संगठन में पायलट फिर से दखल न दे सकें, वे यह मैसेज भी कांग्रेस आलाकमान को देना चाहते हैं। वे यह भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि किस तरह पिछली बार मैंने ही सरकार बचाई।पायलट के दोस्त सिंधिया का भी जिक्रगहलोत ने अपने बयान में खासतौर पर राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी जिक्र किया है। सिंधिया और पायलट दोस्त हैं। जब गहलोत-पायलट में टकराव था, तब भी भाजपा में शामिल हो चुके सिंधिया का नाम उछला था।


Source: Dainik Bhaskar December 06, 2020 00:26 UTC



Loading...
Loading...
  

Loading...

                           
/* -------------------------- overlay advertisemnt -------------------------- */