चमोली जिले के सीमा जागरण मंच ने जोशीमठ के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का विषय 'सीमा विमर्श, सीमा दर्शन एवं राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी' था। इसमें वक्ताओं ने सीमांत क्षेत्रों के महत्व और. सीमा जागरण मंच के प्रदेश संगठन कार्यकर्ता आशीष वाजपेयी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्य में 'सीमा विमर्श' और 'सीमा दर्शन' जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से होने चाहिए। इससे युवाओं को सीमाओं पर होने वाली गतिविधियों और चुनौतियों की जानकारी मिलेगी।वाजपेयी ने बताया कि उत्तराखंड की सीमाएं तिब्बत (चीन) और नेपाल से लगती हैं। इन सीमांत गांवों के लोग घुसपैठ, आतंकवाद, नशा और तस्करी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं।बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने सीमांत क्षेत्रों के निवासियों की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन क्षेत्रों के विकास और सुरक्षा में स्थानीय लोगों की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता।इस अवसर पर प्रधानाचार्य एवं आरएसएस प्रचार प्रमुख शंभू प्रसाद चमोला और शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य बदरी सिंह नेगी सहित कई आचार्य, शिक्षक, समाजसेवी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्र और सीमा सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
Source: Dainik Jagran December 28, 2025 15:15 UTC