परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 का रात के समय में सफल परीक्षण, पाक और चीन भी इसकी पहुंच में - News Summed Up

परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 का रात के समय में सफल परीक्षण, पाक और चीन भी इसकी पहुंच में


परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 का रात के समय में सफल परीक्षण, पाक और चीन भी इसकी पहुंच मेंलावा पांडे, बालेश्वर (ओडिशा)। अपनी सीमाओं की सुरक्षा मजबूत करने और सेना को ताकतवर बनाने की दिशा में देश ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया है। शनिवार को पहली बार बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का रात्रिकालीन परीक्षण सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। परमाणु हमला करने में सक्षम इस मिसाइल की जद में पाकिस्तान, चीन एवं दक्षिण एशिया के कई देश आ गए हैं।भारत अपने मिसाइलों का परीक्षण तटवर्ती ओडिशा के बंगाल की खाड़ी स्थित चांदीपुर के परीक्षण स्थल एक, दो, और तीन नंबर या फिर अब्दुल कलाम द्वीप से चार नंबर लांचिंग कंपलेक्स से करता आ रहा है। शनिवार को अब्दुल कलाम द्वीप के चार नंबर लांचिंग पैड से रात 7:32 बजे पर अग्नि 2 मिसाइल का परीक्षण किया गया, जो सफल रहा।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मदद से सेना के सामरिक बल कमान ने परीक्षण को अंजाम दिया। इस मौके पर डीआरडीओ तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आइटीआर) से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अधिकारियों का दल मौजूद था। निकट भविष्य में भारत और कई मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है।यह है खासियतदेश में ही बनाई गई 21 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी, 17 टन वजन वाली यह मिसाइल 1000 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखती है। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है। यह ठोस ईंधन से संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है।अग्नि सीरीज का हिस्सासतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का रात में भी परीक्षण होने अग्नि सीरीज की मिसाइलों में एक नई ताकत आ गई है। इस सीरीज अग्नि-1और अग्नि-3 शामिल हैं। अग्नि-2 को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है।क्या होती है बैलेस्टिक मिसाइलतकनीकी दृष्टिकोण से बैलेस्टिक मिसाइल उस प्रक्षेपास्त्र को कहते हैं जिसका प्रक्षेपण पथ सब ऑर्बिटल बैलेस्टिक पथ होता है। इसका उपयोग किसी हथियार (नाभिकीय अस्त्र) को किसी पूर्व निर्धारित लक्ष्य पर दागने के लिए किया जाता है। यह मिसाइल प्रक्षेपण के प्रारंभिक स्तर पर ही गाइड की जाती है। इसके बाद का पथ आर्बिटल मैकेनिक के सिद्धांतों पर एवं बैलेस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। अभी तक इसे रासायनिक रॉकेट इंजन द्वारा प्राणोदित किया जाता है।Posted By: Arun Kumar Singhअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Source: Dainik Jagran November 16, 2019 15:20 UTC



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