खास बातें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मुख्य आरोपी है ब्रजेश ठाकुर समाज कल्याण विभाग अब भी ब्रजेश ठाकुर पर मेहरबान 52 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज हुआ था मामल मेंबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही इस बात को बार-बार कहते रहें कि उनकी सरकार न किसी को फंसाती है और न ही बचाती है, लेकिन उनका समाज कल्याण विभाग अभी भी ब्रजेश ठाकुर पर मेहरबान है. मार्च महीने में यहां जांच में ग्यारह महिलाओं को पाया गया था, हालांकि 27 महिलाओं का रेजिस्ट्रेशन था. लेकिन मई महीने के आखिर में जब ब्रजेश ठाकुर के द्वारा संचालित बालिका गृह से संबंधित प्राथमिकी और गिरफ़्तारी का सिलसिला शुरू हुआ तब इसकी जांच के आदेश ज़िला अधिकारी द्वारा दिए गए और 9 जून को जांच करने गई टीम को वो सेंटर बंद मिला. लेकिन ये प्राथमिकी बाल संरक्षण विभाग के स्थानीय अधिकारी दिवेश शर्मा ने 30 जुलाई को दर्ज कराई.हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस प्राथमिकी का मतलब ये नहीं कि सभी महिलाओं को आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने ग़ायब कर दिया. ये हो सकता है कि चूकि वर्षों से इस केंद्र को चलाने के लिए उसे पैसे नहीं मिले थे तो उसने मार्च महीने में फर्जीवर किया हो, लेकिन 52 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज होना साबित करता है कि ब्रजेश ठाकुर के हाथ कितने लंबे हैं.
Source: NDTV August 01, 2018 11:37 UTC