कभी अख़बार के ज़रिए बाहर आ जा रहे हैं तो कभी सरकार के ज़रिए बाहर आ जा रहे हैं. एक महीने बाद रक्षा मंत्रालय को 23 अक्तूबर 2015 को फ्रांस के जनरल स्टीफन रेब के पत्र से पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव जावेद अशरफ और फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के कूटनीतिक सलाहकार लुई वेस्सी के बीच टेलिफोन पर बातचीत हुई थी. यानी जहां तक रक्षा सौदे की टीम की टिप्पणी है और रक्षा सचिव की नोटिंग है कि रक्षा मंत्री आप देख लो, वही छापा मगर रक्षा मंत्री का जवाब नहीं छापा. निर्मला जी कह रही है कि पीएमओ का उनके मंत्रालय से बार बार पूछना कि प्रोग्रेस हो रही है या क्या. मूल प्रश्न है कि 24 नवंबर 2015 के पत्र पर जो उन्होंने दस्तखत किए हैं उस पर क्यों लिखा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय उनकी टीम की हैसियत को कमज़ोर कर रहा है, अपने स्तर पर मोलभाव कर रहा है.
Source: NDTV February 08, 2019 19:41 UTC