Pune City News: अफवाहों से बचने और सावधानी बरतने की अपील - News Summed Up

Pune City News: अफवाहों से बचने और सावधानी बरतने की अपील


भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। सह्याद्रि की पहाड़ियों में बसे मावल तहसील के प्राकृतिक परिवेश में वन्यजीवों का होना स्वाभाविक है। हालांकि, पिछले कुछ समय से तेंदुए के दिखाई देने की खबरों और अफवाहों ने ग्रामीणों के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है। वन विभाग के गहन अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अक्सर नागरिक जंगली बिल्ली, लकड़बग्घा या ऊदबिलाव जैसे अन्य जानवरों को तेंदुआ समझ लेते हैं। सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत जानकारी और पुराने वीडियो के कारण गांवों में अनावश्यक घबराहट फैल रही है, जिससे खेती के काम और बच्चों की स्कूली शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए वड़गांव वन विभाग और वन्यजीव रक्षक मावल की टीम पूरी तरह सक्रिय हो गई है।-जागरूकता अभियान चला रहा वन्य विभागवन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश शिंदे और संस्था के संस्थापक नीलेश गराडे के मार्गदर्शन में अधिकारी और स्वयंसेवक गांवों और कंपनियों में जाकर जन जागरूकता फैला रहे हैं। वनपाल एम. हिरेमठ, वनरक्षक एस. कासोले, वाई. कोकाटे, मंगल दाते और वन्यजीव रक्षक टीम के सदस्य ग्रामीणों को 'क्या करें और क्या न करें' के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। जागरूकता अभियान के दौरान मुख्य रूप से रात के समय अकेले बाहर न निकलने, साथ में टॉर्च और लाठी रखने तथा खेत में जाते समय मोबाइल पर तेज आवाज में गाने बजाने की सलाह दी जा रही है, ताकि मानवीय आहट और आवाज सुनकर जानवर दूर चले जाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और उचित सावधानी अपनाई जाए, तो मानव-वन्यजीव संघर्ष को टाला जा सकता है।-कंपनियों को भी चेतावनी दीविशेष रूप से नवलाख उंब्रे जैसे क्षेत्रों में जहां उद्योग, खेती और जंगल एक साथ हैं, वहां पालतू जानवरों को सुरक्षित जगह रखने, ऊंची सुरक्षा दीवार बनाने और रात में परिसर को प्रकाशमय रखने की आवश्यकता है। वन विभाग ने कंपनियों को भी चेतावनी दी है कि आरक्षित वन सीमा के पास पहाड़ों की खुदाई, विस्फोट या आग लगाने जैसी गतिविधियों पर भारतीय वन अधिनियम 1972 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।लोगों को किसी भी जानवर से डरने या अफवाह फैलाने के बजाय संयम से काम लेना चाहिए। अक्सर जानकारी के अभाव में दूसरे जानवरों को तेंदुआ मान लिया जाता है। यदि कोई वन्यजीव दिखाई देता है, तो उसका पीछा न करें और न ही उसे नुकसान पहुंचाएं। ऐसी स्थिति में तुरंत वन विभाग से संपर्क करें। सावधानी और सही जानकारी ही इस संघर्ष को कम करने का एकमात्र उपाय है।- एस. मोरे, वनरक्षक, वडगाव मावल


Source: Dainik Bhaskar December 26, 2025 23:14 UTC



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