नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बुधवार के कारोबार में दिन के 12 बजकर 49 मिनट पर रुपये ने डॉलर के मुकाबले 71.95 का स्तर छू लिया। वहीं इससे पहले रुपये ने आज ही डॉलर के मुकाबले 71.89 के स्तर छुआ था। सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर रुपया डॉलर के मुकाबले 71.72 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। यह रुपये का ऑल टाइम लो लेवल है। हालांकि आज दिन के कारोबार में रुपया 20 पैसे सुधरकर 71.38 के स्तर पर आ गया था। आपको बता दें कि बीते दिन रुपया डॉलर के मुकाबले 71.58 के स्तर पर बंद हुआ था।फॉरेक्स डीलर के मुताबिक आयातकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग के अलावा, कैपिटल ऑउटफ्लो ने भी घरेलू करेंसी (रुपया) की कीमत पर दबाव डाला है। अमेरिकी डॉलर इसलिए मजबूत हो रहा है क्योंकि उभरते बाजारों की मुद्राओं और वैश्विक व्यापार में तनाव की स्थिति के चलते निवेशकों ने इसे सेफ हैवेन एसेट माना है। वहीं क्रूड की कीमतों में जारी रैली के चलते भी ट्रेडिंग सेंटिमेंट कमजोर हुए हैं। अगर क्रूड की बात करें तो आज ब्रेंट क्रूड के दाम 77.84 डॉलर प्रति बैरल है।कहां तक जा सकता है रुपया? केडिया कमोडिटी के प्रमुख ने बताया कि रुपये में अभी और कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, "सितंबर तिमाही की बात की जाए तो रुपया 72 का स्तर छू सकता है।" उनके मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रुपये के 71.50 से 72 की रेंज में रहने की संभावना है।रुपये का कमजोर होना सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखता है क्योंकि इससे आम आदमी को 4 बड़े नुकसान होते हैं। रुपये के कमजोर से होते हैं ये 4 नुकसान...महंगा होगा विदेश घूमना: रुपये के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपये भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।डॉलर होगा मजबूत तो बढ़ेगी महंगाई: डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।Posted By: Praveen Dwivedi
Source: Dainik Jagran September 05, 2018 06:16 UTC