जगाधरी एरिया के पानी का बहाव बदला गया है। अब ये पानी यमुनानगर की बजाय झोटा रोड से होते हुए सीधे यमुना नहर में गिरेगा। पानी को ट्रीट करने के लिए परवालों गांव में 24 एमएलडी का सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया गया है। मंगलवार से प्लांट में टेस्टिंग भी शुरू हो गई है। 31 अगस्त तक जगाधरी का पूरा पानी नहर में गिरना शुरू हो जाएगा। नहर का पानी प्रदूषित न हो इसलिए यमुनानगर में भी दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अगले बरसाती सीजन में यमुनानगर के लोगों को जगाधरी के पानी से नुकसान नहीं होगा।जगाधरी के पानी (बरसाती-सीवरेज) को यमुना नहर में डालने के लिए दो साल पहले 99.50 लाख की योजना बनाई गई थी। क्योंकि यह पानी यमुनानगर के लोगों के लिए मुसीबत बन रहा था। इसके लिए 24, 20 व 10 एमएलडी के तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का भी निर्णय लिया गया था। 24 एमएलडी का प्लांट परवालों में लगाया गया है। इससे जगाधरी का पानी ट्रीट किया जाएगा। जबकि 20 एमएलडी का प्लांट रादौर रोड स्थित जम्मू कॉलोनी व 10 एमएलडी का प्लांट बाड़ीमाजरा में लगाया गया है।इन दोनों प्लांटों से यमुनानगर का पानी ट्रीट किया जाएगा ताकि इसके बाद उसे यमुना नहर में डाला जा सके। परवालों में प्लांट का काम पूरा हो चुका है। मंगलवार से यहां टेस्टिंग का काम भी शुरू हो गया है। अभी जगाधरी के एक हिस्से का पानी प्लांट में ट्रीट किया जा रहा है। बुडिया चौक के पास कुछ कार्य अधूरा होने की वजह से दूसरे हिस्से का पानी प्लांट तक नहीं पहुंच रहा है। अधिकारियों की मानें तो 31 अगस्त तक यह काम पूरा हो जाएगा।जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 18.42 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 1400 एमएम की आरसीसी व एडीपीआर पाइपलाइन डालने पर 14.31 करोड़ रुपए का खर्च आया। जम्मू कॉलोनी में 20 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर 14.67 करोड़ रुपए खर्च हुए। जबकि बाड़ी माजरा स्थित दस एमएलडी के प्लांट पर 9.59 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 500 एमएम की पाइपलाइन डालने व सड़कों को हुए नुकसान की भरपाई पर भी बड़ी राशि खर्च की गई है।बुधवार को विस स्पीकर कंवरपाल के बेटे निश्चल चौधरी ने परवालों में बने 24एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा लिया। तब उनके साथ जगाधरी जोन के एक्सईएन टीआर पंवार भी थे। चौधरी ने प्लांट में चल रही टेस्टिंग को भी देखा। अब इस योजना के शुभारंभ की तैयारी शुरू हो गई है।14 जुलाई 2016 को भारी बरसात की वजह से यमुनानगर की कई कॉलोनियां पानी में डूब गईं थीं। इसकी वजह से लोगों को भारी नुकसान हुआ था। तब इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए तत्कालीन डीसी ने पब्लिक हेल्थ, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम व सिंचाई विभाग के अधिकारियों की आपात मीटिंग बुलाकर सुझाव मांगे थे। उस समय ही जगाधरी के पानी के बहाव को अलग करने की योजना बनी थी।परवालों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो गया है। प्लांट में टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है। 31 अगस्त से पूरी तरह जगाधरी का पानी अलग हो जाएगा। अगले सीजन में जगाधरी का बरसाती पानी यमुनानगर में नहीं जाएगा। हम इसे तय समय में पूरा करने में कामयाब रहे। पानी ट्रीट करने के लिए यमुनानगर में भी दो ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। टीआर पंवार, एक्सईएन पब्लिक हेल्थ जगाधरी
Source: Dainik Bhaskar August 01, 2018 23:15 UTC