इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे और शाह ने कहा कि राय ने अपनी एक पुस्तक का विमोचन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करवाया था. हालांकि बिहार भाजपा के नेताओं का कहना है कि राय और नीतीश कुमार की मित्रता जगज़ाहिर है. हालांकि सुशील मोदी ने कोशिश की थी कि राय को पिछले चुनाव में टिकट ना मिले. बहरहाल भाजपा चुनाव समिति के सदस्यों को इस बात का भ्रम नहीं था कि भले राय का टिकट होल्ड पर हो लेकिन अमित शाह को उनकी नीतीश कुमार से दोस्ती नागवार गुज़री है. हालांकि पार्टी के नेता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि निर्दलीय मैदान में रहने के कारण सरयू राय चुनाव में तो कोई ख़ास असर नहीं डालेंगे.
Source: NDTV November 16, 2019 14:54 UTC