उन्होंने दारूल उलूम को फतवों की फैक्ट्री बताते हुए कहा कि इनके फतवे महिलाओं को परेशान करने वाले होते हैं और पुरुषों को कभी कोई फतवा जारी नही किया जाता. फराह ने आरोप लगाया, ‘इनके फतवे केवल मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी दूभर करने के लिये होते हैं. लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पेश, कांग्रेस बोली- तलाक को दंडनीय अपराध नहीं बनाया जा सकताउन्होंने कहा, ‘इन फतवों में महिलाओं को दबाने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘एक ओर दारूल उलूम के मौलाना कहते हैं कि दारूल उलूम देवबंद दहशतगर्दी फैलाने का काम नही करता, लेकिन यह दहशतगर्दी नहीं तो और क्या है'. उन्होंने दावा किया कि यदि पुरुषों के खिलाफ फतवा जारी किया जाए तो घरेलू हिंसा पर अंकुश लगाया जा सकता है.
Source: NDTV December 21, 2018 17:06 UTC