सात दिनों तक दिल्ली एम्स में जिंदगी से जद्दोजहद करने के बाद तीन साल की मासूम मन्नू आखिरकार मौत की नींद सो गई। देर शाम बच्ची का शव घर पहुंचा तो पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। रोते-बिलखते परिजन मासूम को निहारते रहे।विज्ञापनविज्ञापनअलाव से झुलसी मासूम ने उपचार के दौरान दिल्ली एम्स में दम तोड़ दिया है। परिजनों ने शव का खैर रोड विवेकानंद कॉलेज के पास नाले के समीप अंतिम संस्कार कर दिया है।-विनीत यादव, पार्षद, वार्ड 35-महफूजनगरदेहली गेट थाना क्षेत्र के अशरफपुर जलाल निवासी प्रताप के घर पर 15 दिसंबर की शाम को अलाव की चिंगारी से आग लग गई थी। इसमें छह माह के देवांश और तीन साल की मन्नू बुरी तरह से झुलस गई थी। पांच साल की बालिका तन्नू भी झुलस गई थी। परिजन तीनों को मेडिकल कॉलेज ले गए। यहां चिकित्सक ने देवांश को मृत घोषित कर दिया। मासूम मन्नू भी 80 फीसदी जल चुकी थी। उसकी हालत गंभीर देख चिकित्सक ने दिल्ली एम्स रेफर कर दिया। तन्नू को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया।पिता प्रताप और मां आरती ने मन्नू को उपचार के लिए एम्स में भर्ती कराया। दो दिन आईसीयू में रखने के बाद हालत में सुधार होने पर मन्नू को वार्ड में शिफ्ट किया गया। 21 दिसंबर की शाम को फिर तबीयत बिगड़ गई। उपचार के दौरान रात को मन्नू ने दम तोड़ दिया। शाम करीब पांच बजे जब बच्ची का शव घर पहुंचा तो उससे लिपटकर माता-पिता और रिश्तेदार रोते-बिलखते रहे। कुछ ही देर में प्रताप के घर पर पूरे मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए।तन्नू की हालत में है सुधारआग में झुलसी पांच साल की तन्नू की हालत में सुधार है। परिजन उसका उपचार निजी चिकित्सालय में करा रहे है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बंसल ने बेटी के उपचार का आश्वासन दिया है।
Source: NDTV December 22, 2025 10:01 UTC