भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। मनपा चुनाव को लेकर शहर का राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरमाया हुआ है। इस बीच शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 'जवाब दो आंदोलन' शुरू किया है। इस अभियान के माध्यम से नागरिकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से सीधे सवाल पूछें। आंदोलनकारियों का कहना है कि मतदाता बाहरी दिखावे पर न जाएं और किसी भी तरह के लालच या प्रलोभन में न फंसें। प्रचार का शोर शुरू होने से पहले ही कई उम्मीदवारों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए रंगीन परिचय पत्र, पैठनी के खेल, पिकनिक, स्वास्थ्य शिविर और मनोरंजन के कार्यक्रमों पर भारी पैसा खर्च करना शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि पैसे से सत्ता और सत्ता से भ्रष्टाचार के इस चक्र को रोकने का समय आ गया है। इस दौरान बस सेवाओं की कमी, दो दिन में एक बार आने वाला पानी, बिजली कटौती और सड़कों के गड्ढों जैसे बुनियादी मुद्दों पर सवाल उठाए गए हैं। यह आरोप भी लगाया गया है कि जनप्रतिनिधियों के कमीशन के कारण सडकों का निर्माण घटिया दर्जे का हो रहा है।-(एसआरए) का काम निजी बिल्डरों को क्यों? आंदोलन के माध्यम से यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि झुग्गी पुनर्वास (एसआरए) का काम मनपा स्वयं करने के बजाय निजी बिल्डरों को क्यों दे रहा है? कार्यकर्ताओं का दावा है कि असली पात्र लोग पीछे छूट रहे हैं और गलत लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। मांग की गई है कि वर्षों से झुग्गी में रहने वालों को उनके हक का घर मिलना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता सतीश काले ने कहा, "अगर अगले 5 वर्षों में सुधार हुआ, तभी मतदाताओं के अच्छे दिन आएंगे, अन्यथा अगले 5 साल भी मुश्किलों में ही काटने पड़ेंगे। यदि उम्मीदवार से पैसे या उपहार मिलते भी हैं, तो भी मतदान करते समय नागरिकों को केवल उसी उम्मीदवार का विचार करना चाहिए जो जनता के लिए ईमानदारी से काम करे।"
Source: Dainik Bhaskar December 26, 2025 09:56 UTC